कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी सोमनाथ मंदिर क्‍या गए बीजेपी उन्‍हें गैर हिंदू और कांग्रेस पार्टी सहित राहुल खुद को हिंदू साबित करने में जुट गए। हकीकत यह है कि गांधी परिवार एक धर्म निरपेक्ष परिवार है और राहुल के रिश्‍ते में पारसी मुस्लिम सिख और ईसाई हर मजहब को मानने वाले परिजन हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि देश के सेक्‍युलर संविधान का एक परफेक्‍ट उदाहरण है। आइए मिलते हैं उनके अलग-अलग मजहब को मानने वाले परिजनों से...


दादा फिरोज गांधी थे पारसी और दादी इंदिरा कट्टर हिंदूजानें कौन है राहुल गांधी के साथ दिख रही यह महिलाचाची मेनका सिख परिवार से
मोहब्बत ने एक बार फिर इस परिवार में मजहब की दीवारें गिरा दीं। राहुल के चाचा संजय गांधी का दिल सिख परिवार की एक लड़की मेनका पर आ गया। उनकी शादी में किसी बात को लेकर हल्का-फुल्का विवाद भी रहा लेकिन लास्ट में मेनका संजय गांधी की हो ही गईं। अब गांधी परिवार में हिंदू, पारसी, ईसाई और सिख चार धर्मों को मानने वाले सदस्य शामिल हो चुके थे। इसमें गौर करने वाली बात यह है कि शादी के लिए किसी ने कोई धर्म परिवर्तन नहीं किया। एक छत के नीचे रहते हुए सब अपने-अपने मजहब और रीति-रिवाजों को मानते हुए दूसरों की भावनाओं का आदर करते रहे। बच्चों को धर्म चुनने और मानने की पूरी आजादी भी रही।भारतीय राजनीति में जब-जब बेटों ने संभाली पार्टी की कमानबहन प्रियंका के ननदोई मुस्लिम


अभी तक गांधी परिवार का रिश्ता मुस्लिम धर्म को मानने वालों से नहीं था। लेकिन प्रियंका गांधी वाड्रा की ननद मोनिका वाड्रा की शादी मुस्लिम परिवार के तहसीम पूनावाला से हुई। इस विवाह के साथ ही गांधी परिवार के रिश्तेदारों में मुस्लिम मजहब को मानने वाले भी शामिल हो गए। मोनिका वाड्रा प्रियंका वाड्रा की चचेरी बहन हैं। रॉबर्ट ईसाई धर्म को मानने वाले हैं। मोनिका भी ईसाई थीं लेकिन उन्हें तहसीम से मोहब्बत हुई और उन्हें अपना जीवन साथी बना लिया।गांधी परिवार के लिए भी आसान नहीं रहा कांग्रेस का अध्यक्ष बनना, नेहरू से सोनिया तक सबको मिली चुनौती

Posted By: Satyendra Kumar Singh