सोशल मीडिया पर चर्चित 'ब्वॉयज लॉकर रूम' को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक इस चैट ग्रुप में अश्लील मैसेज भेजने वाला कोई लड़का नहीं बल्कि एक लड़की थी जिसने लड़के के नाम से फेक अकाउंट बनाया हुआ था।

नई दिल्ली (एएनआई)। 'ब्वॉयज लॉकर रूम' मामले में एक बड़ा रहस्य खुला है। जांच में पाया गया कि ग्रुप में अश्लील चैट वास्तव में एक लड़की (सेंडर) और एक लड़के (रिसीवर) के बीच थी जिसमें लड़की ने फर्जी अकाउंट बनाकर उस तथाकथित ग्रुप में मैसेज भेजे थे। डीसीपी साइबर सेल, अनीष रॉय ने बताया, 'जांच से पता चला है कि कथित बातचीत वास्तव में एक लड़की (सेंडर) और एक लड़के (रिसीवर) के बीच है, जिसमें लड़की ने 'सिद्धार्थ' नाम का सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाया और उसी से चैट कर रही थी। इस चैट में लड़की ने खुद के साथ यौन उत्पीडऩ करने की योजना बनाई थी।

लड़की द्वारा बनाए गए फेक अकाउंट का है पूरा किस्सा

अनीष रॉय के मुताबिक, लड़की का फेक अकाउंट बनाकर लड़के के साथ अश्लील चैट करने का उद्देश्य यह था कि, वह उस लड़के के कैरेक्टर के बारे में जान सके। डीसीपी ने कहा, "रिसीवर, जो अभी जुवेनाइल है, उसने फेक अकाउंट 'सिद्धार्थ' द्वारा बताई गई ऐसी किसी भी योजना में भाग लेने से इनकार कर दिया और उसने बातचीत भी बंद कर दी। इसके बाद उस लड़के ने उन मैसेजेस का स्क्रीनशॉट अपने दोस्तों को दिखाया, उसके दोस्तों में वो लड़की भी शामिल थी जिसने उसे मैसेज भेजा था। चूंकि लड़की को पता था कि, 'सिद्धार्थ' नाम का अकाउंट उसने ही बनाया है। इसलिए उसने ये जानकारी किसी को नहीं दी। इस बीच, ग्रुप में किसी एक ने उन स्क्रीनशॉट को एक अलग कहानी बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया।

आगे की जांच चल रही

रॉय ने कहा, "जब ब्वॉयज लॉकर रूम' स्क्रीनशॉट दूसरों के सामने आए और सोशल मीडिया पर यह वायरल हुआ तो पिछली बातचीत भी सामने आई। डीसीपी का कहना है, 'तीन सोशल मीडिया अकाउंट से जानकारी जुटाई गई है। जांच के दौरान जब्त किए गए उपकरणों को फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है। आगे की जांच जारी है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari