Kanpur: सीएसजेएमयू के 27वें कनवोकेशन में गवर्नर बीएल जोशी ने बांटी डिग्री. एक डी लिट 386 पीएचडी सहित 2255 स्टूडेंट्स को मिलीं डिग्री. गोल्ड सिल्वर और ब्रांज मैडल हासिल कर कॉलेज व फैमिली का मान बढ़ाया


आपकी मेहनत का रिजल्ट अगर आपके हाथ आ जाए तो इससे बड़ी खुशी नहीं होगी। सटेरडे को यही खुशी सीएसजेएमयू के स्टूडेंट्स के चेहरों पर देखी गई। 27वें कनवोकेशन प्रोग्राम में गवर्नर बीएल जोशी के हांथों डिग्रियां पाकर स्टूडेंट्स उछल पड़े। कनवोकेशन में एक डी लिट, 386 पीएचडी और 1868 अन्य स्टूडेंट्स को डिग्रीज बांटी गईं। इसके साथ टापर्स को गोल्ड और ब्रांज मैडल से सम्मानित किया गया। कनवोकेशन प्रोग्राम में आए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बलबीर सिंह चौहान और यूनीवर्सिटी के कुलपति अशोक कुमार ने स्टूडेंट्स को बेहतर परफार्मेंस के लिए मोटिवेट किया।इट्स ए गल्र्स यूनीवर्सिटी


वाइस चांसलर गोल्ड और चांसलर ब्रोंज मैडल पर एक बार फिर से लड़कियों का जलवा देखकर गवर्नर  ने बोल ही दिया कि उन्हें तो लगता है कि सीएसजेएमयू गल्र्स यूनीवर्सिटी बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि दूसरी यूनीवर्सिटी की अपेक्षा कानपुर में लड़कियां ही बाजी मारती हैं। इसलिए मै चाहता हूं की ब्वॉयज भी बड़ी यहां तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि अगर एक यूनीवर्सिटी को वल्र्ड क्लास बनना है तो स्टूडेंट्स और यूनीवर्सिटी के बीच बेटर कोआर्डिनेशन होना जरूरी है। इसलिए नेक्स्ट कनवोकेशन और बेहतर देखना पसंद करूंगा।यह अंतिम पड़ाव नहीं है

चीफ गेस्ट सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बलबीर सिंह चौहान ने कहा कि आपने एक पड़ाव तो पूरा कर लिया, लेकिन यह आपकी लाइफ की लास्ट स्टेज नहीं है। इससे बड़ी-बड़ी चुनौतियां आपके जीवन में आएगी जिसको पार करना असली चुनौती होगी। इसके साथ उन्होंने कहा कि  कानपुर यूनीवर्सिटी किसी भी बड़ी सिटी की यूनीवर्सिटी से कम नहीं है इसलिए यहंा पढऩा हर एक स्टूडेंट्स के लिए गौरवमयी है। शैलजा ने गवर्नर को याद दिलाया चांसलर गोल्ड के साथ पांच और मेडल पर कब्जा जमाने वाली फर्रूखाबाद की शैलजा मिश्रा ने गर्वनर बीएल जोशी को पुरानी बात याद दिलाई। मंच पर गवर्नर के हाथों मेडल लेते समय शैलजा ने कहा कि सर मैने आपके हाथों से बीए में चांसलर ब्रांज मेडल हांसिल किया था। उस समय मैने आपसे कहा था कि मैं आपके हाथों ही गोल्ड मेडल पहनना चाहती हूं। यह कहते ही गवर्नर बीएल जोशी ने मुस्कराते हुए कहा कि हां याद आ गया, उन्होंने कहा कि आखिरकार तुमने जो कहा वह कर दिखाया। इसके साथ बीएल जोशी ने शैलजा को आशीर्वाद देते हुए कहा कि मैं चाहता हूं की तुम बहुत आगे बढ़ो।12 साल बाद मिली ‘गुड न्यूज’

कानपुर यूनीवर्सिटी से डी लिट लेना कितना कठिन है, ये बात सैटरडे को साबित भी हो गई। एक मात्र डी लिट उपाधि के लिए चुने गए बरेली के डा। आनंद बिहारी लाल लखटकिया को 12 सालों के बाद यह गुड न्यूज मिली। बरेली कॉलेज में 25 वर्ष से फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट को सेवा दे रहे और नेशनल अवार्ड से सम्मानित आनंद बिहारी ने बताया कि उन्होंने सन 2000 में भारतीय चित्रकला में आध्यात्मिक एवं सैद्धांतिक सृजनात्मकता का मूल्यांकन टॉपिक को चुना था। इस पर लगभग 5 साल वर्क किया और 2005 में अपनी थीसिस को कम्प्लीट कर जमा किया था। उन्होंने बताया कि सात साल बाद 2012 को यूनीवर्सिटी में वाइवा हुआ था, और अब उपाधि मिल सकी है। डॉ। आनंद ने कहा कि यह सिस्टम यूनीवर्सिटी को बदलना होगा। गवर्नर से नहीं पा सकी मेडल
यूनीवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की जरा सी चूक से एक स्टूडेंट का सपना चकना चूर हो गया। कालपी से घर से निकली शाइना बेगम को गर्वनर के हाथों मेडल पाने की बहुत उत्सुकता थी। इसी लिए वह परिवार के साथ यूनीवर्सिटी ऑडिटोरियम में समय में पहुंची भी गई। लेकिन लिस्ट में नाम होने के बाद भी एनाउंसर ने शइना बेगम को स्टेज पर बुलाया ही नहीं, जिससे उसका ख्वाब ही टूट गया। शाइना ने दुखी होते हुए कहा कि गवर्नर के हाथों मेडल लेने की बात कुछ और होती अब मिल भी जाए तो भी वो बात नहीं रह जाएगी। इरादे मजबूत हों तोकहतें है इरादे मजबूत हो तो किसी भी मंजिल तक पहुंचना मुश्किल नहीं होता। अमेठी के विजय कुमार पांडेय और लखीमपुर के आशीष कुमार वर्मा ने यह कर के दिखा भी दिया है। पिता की मौत के बाद खराब हुई इकोनॉमिक कंडीशन के बावजूद विजय कुमार पांडेय ने बीएससी एग्रीकल्चर में गोल्ड ओर ब्रोंज, दो मैडल अपने नाम किए। इस कामयाबी का श्रेय विजय कुमार ने अपनी मां को दिया। वहीं लखीमपुर खीरी के किसान के बेटे आशीष कुमार वर्मा ने भी एग्रीकल्चर में ही ब्रांज मेडल हासिल कर अपना और गांव का नाम रोशन किया है। इनको मिला मेडल  
कनवोकेशन में फर्रुखाबाद की शैलजा मिश्रा को म्यूजिक में चांसलर गोल्ड, ब्रांज, सिल्वर और वाइस चांसलर्स गोल्ड समेत 5 मेडल मिले। दूसरे नंबर पर रहीं दिव्य शिखा बाजपेयी ने बीसीए में चांसलर सिल्वर मेडल अपने नाम किया। वहीं कानपुर विद्या मंदिर की निधि तिवारी को बीए में टॉप करने पर चांसलर ब्रांज मेडल मिला। फर्रुखाबाद की पारुल को और एएनडी की बीए छात्रा शिवांगी मोहन ने भी चांसलर ब्रांज मैडल झटका। जुहारी देवी गल्र्स पीजी कॉलेज की स्वाती गुप्ता को बीए संस्कृत में और पीपीएन कॉलेज की एकता सिंह को भी ब्रांज मेडल मिला। डीजी कॉलेज की शुभांगी अग्निहोत्री को वीसी गोल्ड और चांसलर ब्रांज, फर्रुखाबाद की प्रियंका दीक्षित को ब्रांज, शिवानी शैगल को ब्रांज, विनय कुमार पांडेय को स्वर्ण, लखनऊ के आशीष कुमार वर्मा को ब्रांज, बीएनडी की स्वेता शुक्ला और नेहा को ब्रांज, पूनम देवी को स्वर्ण और ब्रांज हो मेडल, नेहा गुरबानी को स्वर्ण व ब्रांज, अकांक्षा सिंह को स्वर्ण व ब्रांज, लिनी श्रीवास्तव को वीसी स्वर्ण, कन्नौज की अकांक्षा को ब्रांज, मनीष चंद्र और इटावा के शारदा प्रसाद मिश्रा को ब्रांज मेडल से सम्मानित किया गया।

Posted By: Inextlive