-बीएचयू के 101वें कन्वोकेशन में मेधावियों के गले में सजे गोल्ड मेडल

- एसवीडीवी के शिवार्चित मिश्रा व अमन त्रिवेदी को चांसलर मेडल

-508 को मेडल, 767 को पीएचडी, दो को डीलिट

हर स्टूडेंट की चाहत परीक्षा में टॉप कर मेडल पाने की होती है। इस क्षण का बेसब्री से इंतजार होता है। जब मेडल गले में सजता है तो खुशी का ठिकाना नहीं रहता। कुछ ऐसा ही पल सोमवार को बीएचयू के 101वें कन्वोकेशन में आया। दीक्षांत पर कैंपस में हर ओर मेले जैसा माहौल दिखा। दीक्षांत के लिए स्वतंत्रता भवन को फूलों व रंगोली से सजाया गया था। सफेद पायजामा कुर्ता पर साफा व पगड़ी धारण किए युवा और क्रीम कलर की साड़ी में छात्राएं बहुत ही उत्साहित थीं। कारण कि मेहनत का फल गोल्ड मेडल के रूप में मिला। स्वतंत्रता भवन सभागार में मुख्य समारोह होने के बाद संकाय व संस्थान स्तर पर स्टूडेंट्स को डिग्री व मेडल बांटे गए।

29 को मेडल, दो को डी लिट

बीएचयू के 101वें कन्वोकेशन में मंच से 29 टॉपर्स को गोल्ड मेडल दिया गया तो दो को डीलिट, 732 को पीएचडी, 12 को एमफिल, 4511 को पीजी और 6272 ग्रेजुएशन को डिग्री दी गयी। वहीं विभिन्न संकायों से 508 गोल्ड मेडल बांटे गए। कन्वोकेशन के हीरो संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में पीजी के छात्र शिवार्चित मिश्रा व ग्रेजुएशन के अमन त्रिवेदी रहे। इनको चांसलर मेडल मिला।

शासक व कानून व्यवस्था में हो समन्वय

दीक्षांत समारोह के चीफ गेस्ट राष्ट्रीय लोक वित्त और नीति संस्थान नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ। विजय केलकर ने कहा कि लोकतंत्र में शासक व कानून व्यवस्था के बीच समन्वय जरूरी है। केवल अफसरशाही पर ही कानून निर्माण की जिम्मेदारी नहीं छोड़नी चाहिए। देश को विकास के पथ पर ले जाने में सबसे अहम भूमिका शिक्षा व साक्षरता की है। युवाओं को आजादी के मूल्यों और सिद्धांतों को याद रखना होगा। तभी वे देश के विकास में सच्ची भागदारी कर सकेंगे। डॉ। केलकर ने कहा कि देश को आजाद कराने वाले उन संस्थापकों के मूल्यों को भी आत्मसात करना होगा, जिनकी बदौलत आज देश आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। विकास के मानक तय करते समय बहुभाषी व बहुसंस्कृति को ध्यान में रखना जरूरी है, ताकि विभिन्नता में एकता की भावना बनी रहे।

पांच साल में मिलेंगे एक हजार करोड़

बीएचयू के कुलाधिपित जस्टिस गिरिधर मालवीय ने मेधावियों को योग्यता का सर्टिफिकेट दिया व गोल्ड मेडल पहनाया। वीसी प्रो। राकेश भटनागर ने यूनिवर्सिटी का वार्षिक प्रतिवेदन पढ़ा कहा कि बीएचयू ने शिक्षण और अनुसंधान में प्रमुख स्थान बनाए रखा है। हाल ही में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस का भी दर्जा मिला। इसके तहत आगामी पांच साल में यूनिवर्सिटी को एक हजार करोड़ रुपये मिलेंगे। जिससे शिक्षण और अनुसंधान को मजबूत किया जाएगा। गोल्ड मेडलिस्टों के नाम की घोषणा रजिस्ट्रार डॉ। नीरज त्रिपाठी ने की। संचालन प्रो। पद्मिनी रविनद्रनाथन ने और धन्यवाद बीएचयू के रेक्टर प्रो। वीके शुक्ला ने दिया।

साइंस डिपार्टमेंट के 147 को पीएचडी की डिग्री

स्वतंत्रता भवन में मुख्य कार्यक्रम के बाद विज्ञान संस्थान के छात्रों को उपाधियों व पदकों का वितरण किया गया। इस दौरान पीएचडी के 147 सहित स्नातकोत्तर में 844 व बीएससी में 791 डिग्री छात्रों को प्रदान की गई। इसके अलावा हर कोर्स में अधिकतम मा‌र्क्स प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से नवाजा गया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो। अनिल कुमार त्रिपाठी, संकाय प्रमुख प्रो। मल्लिकार्जुन जोशी व संयोजक प्रो। एचबी श्रीवास्तव सहित समस्त प्रोफेसर व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। समारोह का संचालन प्रो। स्वाति ने किया।

संजय कुमार को उपाधि

बीएचयू के ज्वॉइंट रजिस्ट्रार सामान्य प्रशासन संजय कुमार को विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो। अनिल कुमार त्रिपाठी ने पीएचडी की डिग्री प्रदान किया। संजय कुमार ने गणित विभाग में शोध का कार्य किया है। संजय कुमार ने यूनिवर्सिटी में सेवा के दौरान शोध कार्य किया।

Posted By: Inextlive