आप ट्रेन से उतरे हों और आपको कोई ऐसा कुली मिल जाए तो समझ जाइये पूरा मूड बर्बाद। क्योंकि डेविड धवन की नयी फिल्म कुछ ऐसी ही है वरुण धवन बेवजह अपने पिता डेविड धवन की लीगेसी का लगेज और गोविंदा और सलमान खान की मिमक्री करने में परेशान हैं। भले ही मेकर्स इसे अबतक की सबसे अधिक अमेजन पर देखी गई फिल्म मान ले लेकिन हकीकत यह है कि यह इस साल की सबसे बुरी फिल्म है। गालियों और डबल मीनिंग संवाद से भरपूर ये फिल्म 2020 में बनी है अफसोस है। फिल्म गोविंदा की किसी दौर में सुपरहिट फिल्म कुली नंबर 1 का ही रीमेक है। आमतौर पर ऐसी फिल्में बनाने वाले निर्देशक का पेटेंट डायलॉग है फिल्म देखिये दिमाग घर पर छोड़ आइये अब घर बैठे भी ऐसी पिक्चर देखें तो क्या करना चाहिए निर्देशक साहब। पढ़ें पूरा रिव्यु

फिल्म : कुली नंबर 1
कलाकार : वरुण धवन, सारा अली खान, परेश रावल, राजपाल यादव, जावेद जाफरी, शिखा तलसानिया, जॉनी लीवर
निर्देशक : डेविड धवन
लेखन टीम : रूमी जाफरी, फहाद और डेविड धवन
ओ टी टी : अमेज़ॉन प्राइम वीडियो
रेटिंग : एक स्टार

क्या है कहानी
कहानी पहली कुली वाली ही है। डिट्टो। नो चेंज। उस वक़्त गोविंदा थे, इस बार मिमक्री करते हुए वरुण धवन। इतना ही फर्क है। राजू (वरुण धवन ) की शादी नहीं हो रही है, अचानक उसके पास एक तस्वीर उड़ती हुई आती है सारा (सारा अली खान ) की, एक बार में प्यार हो जाता है। राजू कुली है, इसलिए उससे कोई अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता है। वहीं दूसरी तरफ, जेफरी (परेश ), जय किशन( जावेद जाफरी) मैचमेकर की बेइज्जती करता है कि उसे अमीर दामाद चाहिए और वह जा मिलता है, राजू से। यहाँ से चूहे-बिल्ली का खेल शुरू होता है, राजू सारा से मिलता है, दोनों की ओवर एक्टिंग शुरू होती है, बेकार का मेलोड्रामा होता है, खूब मिमक्री होती है, अमिताभ बच्चन से लेकर, मिथुन तक की और फिल्म हैपी एंडिंग हो जाएगी।

क्या है अच्छा
अगली बार जब फिल्म का दूसरा रीमेक बनेगा या सीक्वेल बनेगा, तब तक सोच के बताया जा सकता है।

क्या है बुरा
शुरू से अंत तक गिनतियाँ खत्म नहीं होंगी, वरुण का जबरदस्ती के हीरो वाले ऐक्शन, गोविंदा की मिमक्री, सारा अली खान की ओवरएक्टिंग, जो वो लव आजकल 2 से बचा के ले आई थीं, यहाँ भी उन्होंने जम कर इस्तेमाल किया है, जॉनी लीवर की कॉमेडी की बर्बादी, डबल मीनिंग संवाद, बेवजह की गालियों से मनोरंजन। और क्या बुरा है, इसकी लिस्ट अगले सीक्वल या रीमेक तक भी पूरी न होगी। परेश रावल ने सिर्फ लगता है दोस्ती में फिल्म कर दी है। कादर खान और गोविंदा की जोड़ी की भी उस दौर में जबरदस्त बात थी। वह भी इस बार मिसिंग है।

अभिनय
वरुण धवन ने फिल्म कलंक और अक्टूबर में अच्छा अभिनय किया था। उनकी लोकप्रियता बच्चों में बढ़ी है, उन्हें इस बात का लिहाज रखते हुए, दूसरा गोविंदा बनने की जरूरत नहीं है। बेवजह वह ऐसी फिल्में कर रहे हैं, सारा अली खान ने केदारनाथ के बाद, कुछ भी पुख्ता अभिनय नहीं किया है, वे ओवर एक्टिंग करती ही नजर आती हैं। परेश रावल ने इतनी लाउड एक्टिंग क्यों की है, पता नहीं, राजपाल यादव का वह मिडास टच मिसिंग है, शिखा तलसानिया ने टाइम पास के लिए फिल्म की है, ऐसा लगा है। जॉनी और जावेद अपनी इमेज में ही अब बंध गए हैं, ऐसा लगता है।

वर्डिक्ट
यह फिल्म अमेजान पर सबसे अधिक देखी जाने वाली फिल्म भले ही बन गई हो, लेकिन याद रखी जाने वाली नहीं मानी जाएगी।

Review By: अनु वर्मा

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari