- स्क्रैच रैक चलाने का डिसीजन इमिडियेट लेना पड़ता है इसलिए उसमें सारी सुविधा देना है कठिन

- रेलवे ने की पैसेंजर से सहयोग की अपील

PATNA : फॉग की वजह से एसीआर में भी ट्रेने लेट से चल रही हैं। सर्द रात में ट्रेनों का इंतजार करना पटना जंक्शन पर ये रोज का नजारा है। इस फॉग की वजह से लंबी दूरी की अधिकांश ट्रेने विलंब से चल रही हैं। इससे निजात पाने के लिए एसीआर ने दो ट्रेनों राजधानी और संपूर्ण क्रांति में स्क्रैच रैक लगवाया। इसका फायदा यह हुआ कि ट्रेन दिल्ली या फिर पटना से समय से खुलने लगी, लेकिन आये दिन इन ट्रेनें में बवाल की खबरें भी आती हैं।

स्क्रैच रैक है तो कमियां होंगी ही

साधारणत: राजधानी की दो रैक चलती है, लेकिन फॉग की वजह से एक और स्क्रैच रैक की व्यवस्था की गयी। एसीआर के एक अधिकारी ने बताया कि हमारा कम्पल्सन नहीं है कि हम स्क्रैच रैक चलायें ही, लेकिन यात्रियों को ट्रेन का इंतजार न करना पड़े इस वजह से यह सुविधा दी गयी। ज्यादातर परेशानी पैसेंजर की शिकायत होती है कि खाना गर्म नहीं है या फिर पैंट्री की सर्विस सही नहीं है।

रेलवे को सहयोग करें पैसेंजर

रेलवे ने पैसेंजर से अपील की है कि अगर स्क्रैच रैक में थोड़ी बहुत परेशानी होती है तो उसे नजरअंदाज करें। आईआरसीटीसी के एक ऑफिसियल ने कहा कि यह संभव नहीं है कि राजधानी की सारी सुविधा हम स्क्रैच रैक वाली ट्रेन में दे सकें। ट्रेनों में मैन पावर की भी कमी रहती है। राजधानी में आईआरसीटीसी के ब्भ् स्टाफ होते हैं। आईआरसीटीसी के अधिकारी कहते हैं कि हमें इमिडियेट खबर मिलती है कि आज स्क्रैच रैक जाएगी। ऐसी स्थिति में इतने लोगों की व्यवस्था करना मुश्किल है।

स्क्रैच में रहती है संसाधन की कमी

नॉर्मल राजधानी में दो पैंट्री कार होते हैं वहीं स्क्रैच रैक वाली राजधानी को एक ही पैंट्रीकार से काम चलाना पड़ता है। स्क्रैच ट्रेन में हॉट केस भी नहीं होता है इस वजह से खाना ज्यादा समय तक गर्म नहीं रह पाता है। आईआरसीटीसी के एक ऑफिसियल ने बताया कि हमारे पास दो ट्रेन में ही सर्विस करने के सामान होते हैं। अलग से पूरी एक ट्रेन के लिए जितने संसाधन की आवश्यकता है वे सारे सामान पटना में मिलते भी नहीं हैं। स्क्रैच रैक में सर्विस ट्रे, फ्लास्क, टी कैन आदि की भी संख्या कम ही होती है।

स्क्रैच रैक इसलिए चलाया कि पब्लिक को इस मौसम में ट्रेन के इंतजार में रात गुजारना न पड़े। स्क्रैच रैक चलाने का डिसीजन इमिडियेट लेना पड़ता है। ऐसे में सारी सुविधा दे सकें यह संभव नहीं है। पैसेंजर से अपील है कि वे सहयोग करें।

- अरविंद कुमार रजक, सीपीआरओ, पूमरे

Posted By: Inextlive