व‌र्ल्ड सीओपीडी डे स्पेशल

बढ़ते आंकड़ों के बावजूद हमारे देश में सीओपीडी पर ध्यान नहीं दिया जाता

इस बीमारी में सांस की नलियां अवरोधित हो जाती हैं

PRAYAGRAJ: भारत में सीओपीडी (क्रॉनिक आब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) के मामले विश्व में सर्वाधिक हैं। इससे होने वाली मौतों में भारत दूसरे स्थान पर हैं। बढ़ते आंकड़ों के बावजूद हमारे देश में सीओपीडी पर ध्यान नहीं दिया जाता। यह बात स्लीप एंड चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ। आशुतोष गुप्ता ने कही। व‌र्ल्ड सीओपीडी डे पर वह बुधवार को एएमए में आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस घातक बीमारी में सांस की नलियां अवरोधित हो जाती हैं।

यह हैं लक्षण

-कफ के साथ खांसी आना

-सांस फूलना

-सांस लेते समय आवाज आना

-वजन कम होना

धूम्रपान छोड़ने से होगा फायदा

उन्होंने कहा कि धूम्रपान छोड़कर फेफड़ों को हो रहे अधिक नुकसान से बचाया जा सकता है। थेरेपी के तौर पर इनहेलर का उपयोग लंग अटैक के जोखिम को कम कर सकता है। लंग अटैक होने पर तुरंत उपचार नहीं होने से रोगी की मृत्यु हो सकती है। सीओपीडी की जांच के लिए स्पाइरोमेट्री गोल्ड स्टैंडर्ड है। इसके इलाज में इन्हेल्ड ब्रान्कोडाइलेटर की अहम भूमिका है। कार्यक्रम में डॉ। शार्दूल सिंह, डॉ अशोक अग्रवाल, डॉ। अनिल शुक्ला, डॉ। राधारानी घोष आदि उपस्थित रहे।

Posted By: Inextlive