नकलमाफिया को बढ़ावा देंगी बिना कोड की कॉपियां
- आठ जनपदों को छोड़कर अन्य जनपदों में नहीं होंगे कॉपियों में कोड
- मुख्यालय ने केवल संवेदनशील जनपदों में कोड वाली कॉपी के निर्देश दिए हैं - पहचानपत्र बनाने के लिए भी नहीं आया अभी तक कोई निर्देश swati.bhatia@inext.co.in Meerut- इस बार यूपी बोर्ड एग्जाम में नकलमाफिया का जमकर खेल चलने की आशंका है। क्योंकि कॉपियों में नकल रोकने के लिए डाले जाने वाले कोड मेरठ में इस बार नहीं होंगे। इस बार केवल आठ जनपदों को छोड़कर अन्य की कापियों में कोड ही नहीं डाला गया है। कॉपियों में कोड न होने की वजह से नकलमाफिया को कॉपियां फेरबदल करने में बड़ी आसानी हो सकती है। मेरठ अब नहीं संवेदनशील?यूपी बोर्ड एग्जाम में इस बार केवल उन आठ जनपदों में ही कापियों पर कोड डाले गए हैं। जिन्हें बोर्ड की ओर से संवेदनशील माना गया है। इनमें आगरा, अलीगढ़, मैनपुरी, मथुरा, ऐटा, हाथरस और कासगंज है। इनके अलावा बाकी जगह पर बिना कोड की ही कापियां भेजी जाएगी। मेरठ भी इनमें है।
पैसों की होगी बचतसूत्रों की माने तो यूपी बोर्ड एक्सपर्ट की मंशा तो केवल पैसा ही बचाने की है। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि बोर्ड मुख्यालय की हुई हाल फिलहाल की बैठक में यह तय हुआ था कि जहां पर संवेदनशील इलाके है वहीं पर कोड वाली कापियां भेजी जाएंगी। क्योंकि अगर सभी जगह कोड वाली कापियां भेजी जाती है तो बची हुई कापियों के खराब जाने का डर रहता है। इन बची हुई कापियों को दुबारा यूज नहीं किया जा सकता है। जिसके चलते मुख्यालय को इसका नुकसान उठाना पड़ता है।
यह है मेरठ का सचअगर हम पिछले आंकड़ों पर गौर करें तो पिछली बार भी मेरठ में दो सौ से अधिक नकलची परीक्षा में पकड़े गए थे। इसके अलावा परीक्षा में गांधी मेमोरियल इंटर कालेज किठौर, मणिदीप इंटर कालेज किला रोड मेरठ, लाल बहादुर शास्त्री हाईस्कूल मेरठ कैंट, स्टार अल-फलाह इंटर कालेज किठौर और मौलाना आजाद इंटर कालेज ललियाना सेंटरों पर नकल व अव्यवस्थाओं की वजह से सेंटरों को काट दिया गया था। मेरठ में अनूपनगर स्थित आदर्श इंटर कालेज में सचल दस्तों ने चेकिंग के दौरान तीसरी मंजिल पर दो बार सामूहिक नकल भी पकड़ी थी। मेरठ में इस बार चार संवेदनशील केंद्र भी मुख्यालय ने खुद बताए हैं इनमें सर श्री राम इंटर कालेज दौराना, जनता इंटर कालेज कल्याणपुर मेरठ, जीएसडी इंटर कालेज परिक्षितगढ़ मेरठ व लोकप्रिय इंटर कालेज सिवाल खास मेरठ है.सवाल यह उठता है इसके बावजूद भी कैसे मेरठ को संवेदनशील नहीं माना जा रहा है।
पहचानपत्र के लिए भी नहीं निर्देश एक ओर कापियों पर कोड न होना नकलमाफिया को बढ़ावा देने का संदेश है। वहीं दूसरी ओर अभी तक ड्यूटी देने वालों के लिए पहचानपत्र के लिए भी कोई निर्देश नहीं है। ऐसे में किसी अनाधिकृत व्यक्ति के प्रवेश की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। यह मुख्यालय स्तर का मामला है, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। पहचान-पत्र के लिए अभी कोई निर्देश नहीं आए हैं। संजय यादव, सचिव, क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय