रांची: कोरोनावायरस ने एक ओर जहां देश-दुनिया में तबाही मचा र2ाी है. वहीं झार2ांड में 5ा

रांची: कोरोनावायरस ने एक ओर जहां देश-दुनिया में तबाही मचा रखी है। वहीं, झारखंड में भी अब चौगुनी रफ्तार से कोविड-19 के मरीज मिलने लगे हैं। जी हां, मई में जहां एक महीने में झारखंड में 525 कोरोना के मरीज सामने आए थे। वहीं, जून के महज 8 दिनों में ही कोरोना के नए मरीजों का आंकड़ा 529 पार कर गया है। यानी, मई में जहां प्रतिदिन लगभग 17 कोरोना के मरीज मिल रहे थे। वहीं, जून में अब यह रफ्तार प्रतिदिन लगभग 66 मरीज तक पहुंच गई है। अगर यही स्थिति रही तो कोरोनावायरस के प्रसार को रोकना बेहद मुश्किल हो जाएगा। बता दें कि कोरोना की दस्तक झारखंड में 31 मार्च को हुई थी। उस दिन कोरोना का पहला पॉजिटिव केस सामने आया था। इसके बाद तो एक के बाद एक मरीज सामने आने लगे। शुरुआत में कोरोना की रफ्तार धीमी रही। अप्रैल में जहां केवल 107 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई। वहीं, मई में 525 और अब जून के महज आठ दिनों में ही आंकड़ा पिछले तमाम रिकार्ड को धराशायी कर चुका है। निश्चित ही अलार्मिग सिचुएशन है।

अप्रैल में एवरेज 3.5 मरीज डेली

शुरुआत में टेस्टिंग की रफ्तार धीमी थी। एक दिन में 7-800 तक सैंपल की टेस्टिंग की जा रही थी। उस समय हर दिन एवरेज 3.5 मरीज कोरोना के मिल रहे थे। यही वजह है कि 30 दिनों में केवल 107 मरीज सामने आए। हालांकि, उनका तत्काल इलाज भी किया गया।

मई लास्ट वीक से बढ़ी रफ्तार

मई की शुरुआत में कोरोना के मरीज कम मिल रहे थे। 15 दिनों तक मरीज मिले लेकिन संख्या 20 के पार एक-दो बार ही पहुंची। वहीं, अंतिम हफ्ते में कोरोना का रिकार्ड टूटने लगा। इसके बाद तो आंकड़ा 500 के पार पहुंच गया। इसकी एक बड़ी वजह माइग्रेंट लेबर का आना रहा।

बाहर से आनेवाले ला रहे कोरोना

मई में ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया गया। इसके बाद जो जहां फंसा हुआ था वो झारखंड में आने लगे। वहीं अधिकतर लोगों को होम क्वारंटीन कर दिया गया। इस दौरान माइग्रेंट लेबर्स का आना भी जारी रहा। इसके बाद तो जून में कोरोना बम फटा। एक दिन में 40-50 और फिर 100 की संख्या में मरीज मिलने लगे।

Posted By: Inextlive