स्कूलों में नजर नहीं आई रौनक, स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन देखा रिजल्ट

Meerut। रिजल्ट डिक्लेयर होने से पहले तक दिल में धक-धक, रात को नींद नहीं आना, भूख-प्यास छोड़कर घड़ी की तरफ निगाहें, सुबह से ही दोस्तों के साथ रिजल्ट देखने का क्रेज, साइबर कैफों पर लंबी लाइनें, स्कूलों में जश्न, दोस्तों की टोलियां, रिजल्ट के बाद हंसते-रोते चेहरेपिछले साल तक बोर्ड रिजल्ट वाले दिन का माहौल कुछ ऐसा ही होता था। मगर इस बार कोरोना काल में स्टूडेंट्स ऐसा कुछ नजर नहीं आया। न तो स्कूलों में स्टूडेंट्स की रौनक दिखाई दी और न ही पास होने के बाद सेल्फी के कहकहे और ठहाके सुनाई दी। रिजल्ट के बाद पास होने की खुशी में दोस्तों को दी जाने वाली छोटी-बड़ी पार्टी भी शहरभर में होती नहीं दिखाई दी। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब रिजल्ट वाले दिन में भी शोर-शराबा नहीं सुनाई दिया।

टीचर्स ने समझाया

कोरोना काल को देखते हुए इस बार पहले ही स्कूलों ने बच्चों को ऑनलाइन रिजल्ट देखने के लिए प्रेरित किया था। यही नहीं कई स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेज के दौरान ही बच्चों को रिजल्ट देखने के तरीकों के बारे में कई बार समझाया था। टीचर्स और स्कूलों ने पूरी कोशिश की कि बच्चे स्कूल में न आएं। घर में रहकर ही ऑनलाइन रिजल्ट देंखे। यही वजह है कि इस बार स्कूल परिसर पूरी तरह से सूने पड़े रहे।

मार्च से ही तैयारी

कोरोना काल में बच्चे घरों से बाहर न निकलें और एहतियात बरतें, इसके लिए मार्च से ही तैयारी शुरू कर दी गई थी। टीचर्स ने बच्चों को शुरू से ही कोरोना वायरस के खतरों और बचाव के बारे में बताते हुए रिजल्ट डिक्लेयर होने के वक्त लेकर भी खास एहितयात बरतने की सलाह दी थी। स्कूल संचालकों का कहना है कि बच्चों को समझाना काफी कठिन था लेकिन हर चीज से पहले जीवन है। बच्चों की सेफ्टी जरूरी है और इसी को देखते और समझते हुए रिजल्ट डिक्लेयर होने के बाद भी बच्चों को स्कूल में नहीं आने दिया गया।

बच्चों की सेफ्टी को देखते हुए पहले ही सभी को निर्देश जारी कर दिए गए थे। कोशिश थी कि सभी बच्चे ऑनलाइन ही रिजल्ट देखें।

गिरजेश चौधरी, डीआईओएस, मेरठ

Posted By: Inextlive