- शहर में तीन प्राइवेट लैब को दी गई है जांच की परमिशनकोरोना संक्रमण के दौर में घबरान

- शहर में तीन प्राइवेट लैब को दी गई है जांच की परमिशन

कोरोना संक्रमण के दौर में घबराने की जगह स्मार्ट तरीके से इसका मुकाबला करना होगा। अगर घर में कोई कोरोना संदिग्ध है तो फिर टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। बस स्टेप बाई स्टेप एक्शन लेना होगा। जिससे कोरोना पेशेंट की देखभाल के साथ परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमण से बचाया जा सकता है। अगर जानते हैं कि ऐसी स्थिति में क्या करें-

इन लक्षणों पर ध्यान दें

- तेज बुखार

- सूखा कफ

- सांस लेने में दिक्कत

या

संदिग्ध किसी कोरोना पॉजिटिव के सीधे संपर्क में आ गया हो।

लक्षण दिखने पर क्या करें

- ऊपर दी गई दोनों कंडीशन में कोई एक सामने हो तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।

- खुद को एक कमरे में क्वारंटीन कर लें।

- कमरे में टायलेट अटैच होना चाहिये।

- डॉक्टर सलाह दें तो फिर कोरोना का टेस्ट कराना चाहिये।

इन नंबरों पर संपर्क करें

मेडिकल कंट्रोल रूम नंबर 0532-2266098, 0532-2266099

प्रशासनिक कंट्रोल रूम नंबर 0532-2641577, 0532-2641578

इन प्राइवेट लैब पर करा सकते हैं जांच

स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड की जांच के लिए सिटी की तीन प्राइवेट लैब को अथराइज्ड किया गया है। कॉल करने पर यहां के कर्मचारी घर पर आकर सैंपल ले जायेंगे। आइए जानते हैं कि कौन सी है लैब और कैसे लिया जाता है कोविड सैंपल-

- लाल पैथोलाजी

- पैथकाइंड लैब्स

- एसआरएल लैब

ऐसे लेते हैं सैंपल

- प्राइवेट लैब का कर्मचारी सेंपल लेने के लिए आपके घर आएगा।

- मुंह और नाक के भीतर से स्वैब का सैंपल लिया जाएगा।

- स्वैब की जांच रिपोर्ट 24 से 48 घंटे में प्राप्त हो जायेगी।

- प्राइवेट लैब में एक टेस्ट की फीस 4500 रुपए निर्धारित की गई है।

सरकारी लैब में कैसे कराएं टेस्ट

इसके लिए मेडिकल कंट्रोल रूम नंबर पर कॉल करना होगा।

-लक्षण या कंडीशंस मिलने पर संदिग्ध को होम क्वारंटीन या कालिंदीपुरम स्थित क्वारंटीन सेंटर पर रखा जाता है।

- कालिंदीपुरम क्वारंटीन सेंटर से संदिग्ध का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाता है।

तब तक मरीज को क्वारंटीन नियमों का पालन करना होता है।

होम क्वारंटीन के नियम

- संदिग्ध को घर के दूसरे सदस्यों से रिपोर्ट आने तक अलग रहना होगा।

- उसे मास्क का यूज करना होगा।

- दूसरे सदस्य उससे हर हाल में तीन मीटर की दूरी बनाकर रखेंगे।

हॉस्पिटल क्वारंटीन के नियम

- मरीज को 12 दिन तक हॉस्पिटल में रहना होता है।

- इस दौरान उसे प्रोटोकाल के मुताबिक दवाएं दी जाती है।

- बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले मरीजों को कोटवा हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता है।

- सीरियस लक्षण वाले मरीजों को एसआरएन हॉस्पिटल में भर्ती कराया जा रहा है

- शहर में अभी एक भी पेड कोविड केयर सेंटर नहीं खोले गए हैं।

बुजुर्गो को कब ले जाएं हॉस्पिटल

सांस लेने में दिक्कत होने और बुखार आने पर बुजुर्गो को डॉक्टर को दिखाएं। कोरोना संदिग्ध होने पर डॉक्टर की सलाह पर उनका इलाज करा सकते है। डब्ल्यूएचओ ने अभी तक लक्षणों को लेकर क्लासीफिकेशन जारी नहीं किया है। कोरोना मरीजों के लिए एक जैसे ही लक्षण निर्धारित किए गए हैं।

घर पर कोरोना संदिग्ध व्यक्ति है तो चिंता की बात नहीं। उससे दूरी बनाए रहें और हेल्प लाइन नंबर पर कॉल करें। प्राइवेट लैब में भी जांच करा सकते हैं। शहर की तीन लैब को इसके लिए अथराइज्ड किया गया है।

डा। ऋषि सहाय, नोडल कोविड 19

Posted By: Inextlive