-36 लोगों ने आवेदन लिया वापस, नहीं जाएंगे इस साल हज पर

-झारखंड से 2281 लोगों का इस साल कोटा हज जाने के लिए तय किया गया है

-दूसरी किस्त का पैसा भी लेने पर हज कमेटी ने लगाई रोक

रांची: इस साल हज जाने वाले यात्रियों को कोरोना का डर सता रहा है। कोरोना संक्त्रमण के कारण सऊदी अरब सरकार ने अब तक मक्का मदीना में हर साल हज यात्रा पर आने वाले मुस्लिमों के मामले में कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन इससे पहले झारखंड के 36 लोगों ने अपना आवेदन वापस ले लिया है। इन लोगों ने निर्णय लिया है कि वह इस साल होने वाली हज यात्रा पर नहीं जाएंगे। भले ही कोरोना के कारण हज यात्रा जारी रहे या टालना पड़े। अप्रैल के अंतिम सप्ताह से देश-दुनिया से हज यात्रा पर आनेवाले लोगों के इंतजाम किये जाने के मामले में सऊदी सरकार अब तक आश्वस्त नहीं हो सकी है। यही कारण है कि उसकी ओर से भारत सरकार को भी कोई औपचारिक सूचना नहीं दी गयी है। ऐसे में केंद्रीय हज कमेटी ने जायरीनों की दूसरी किस्त की राशि जमा करने पर रोक लगा दी है। सऊदी अरब सरकार की ओर से यात्रा से संबंधित कोई नया आदेश जारी होने पर ही हज समिति की ओर से दूसरी और तीसरी किस्त राशि ली जाएगी। इधर, झारखंड में हज यात्रा पर जाने की योजना बना चुके 36 लोगों ने निजी कारणों से यात्रा पर जाने का आवेदन वापस ले लिया है।

लौट सकती है पहली किस्त

मामले में केंद्र की ओर से झारखंड समेत देश के सभी राज्य हज कमेटियों को पत्र भेजा गया है। यह भी कहा गया है कि सऊदी सरकार अगर हज यात्रियों को अपने देश में आने की अनुमति देती है तो जायरीनों से दूसरी व तीसरी किस्त की राशि एक साथ जमा ली जाएगी। पत्र के मुताबिक यह भी कहा गया है कि अगर यात्रा रद्द की जाती है तो ऐसी स्थिति में सरकार हज यात्रियों की ओर से जमा पहली किस्त की राशि भी उन्हें लौटा देगी।

यात्रा रद्द का कारण बताया निजी

इस वर्ष हज यात्रा पर जाने के लिए झारखंड से कुल 2281 जायरीनों ने आवेदन भरकर केंद्रीय हज कमेटी में जमा किया है। इसमें राजधानी रांची के 450 लोग शामिल हैं। आवेदन जमा करने वाले जायरीनों ने पहली किस्त के रूप में प्रावधान के अनुसार केंद्रीय हज कमेटी के खाते में 81,000 रुपए जमा भी कर दिए हैं। हालांकि, केंद्रीय हज कमेटी की ओर से जारी पत्र के बाद हज यात्रियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इधर, कोरोना वायरस को लेकर कई अपनी यात्रा भी कैंसिल करने की तैयारी में हैं। इसे लेकर वे झारखंड राज्य हज कमेटी के पदाधिकारियों से भी संपर्क कर चुके हैं। कमेटी के अनुसार अब तक 36 लोगों ने अपनी यात्रा कार्यक्त्रम को निजी कारणों से स्थगित कर दिया है। पैसे के अभाव, बीमारी और अन्य जरूरी कारणों से उन्होंने ऐसा किया है।

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तीन किस्तों में ली जाती है राशि

झारखंड राज्य हज समिति के पूर्व सदस्य मुजीबुर्रहमान के अनुसार, हज यात्रा पर जानेवालों से 2 लाख 85 हजार रुपये की राशि केंद्रीय हज समिति द्वारा ली जाती है। यात्रा करनेवाले आवेदन फॉर्म भरने के बाद पहली किस्त के तौर पर 81 हजार जमा करते हैं। इसके बाद दूसरी किस्त के लिए 1.20 लाख रुपये लिये जाते हैं। जिनके पैसे जमा हो जाते हैं, वे पासपोर्ट, वीजा की तैयारी करने लगते हैं। बाकी पैसे तीसरी किस्त में देने होते हैं.15 फ़रवरी तक पहली किस्त की राशि के लिए समय तय था। दूसरी किस्त के लिए 15 मार्च को केंद्रीय हज समिति के निर्देश पर 31 मार्च कर दिया गया था। फिलहाल तो दूसरी किस्त की राशि जमा करने पर रोक लगी हुई है। जो लोग दूसरी किस्त के पैसे जमा नहीं कर पाये, वे अब अगले आदेश पर एक साथ तीनों किस्त जमा कर सकेंगे.फिलहाल इस बार कोरोना के कारण हज यात्रा पर ही संशय के बादल हैं। केंद्र द्वारा यात्रा स्थगित किये जाने के मामले में जिन्होंने पैसे अब तक जमा किये हैं, उन्हें केंद्रीय समिति पैसे वापस कर देगी।

Posted By: Inextlive