आगरा : आगरा में कोरोनावायरस के अब 55 केस सामने आ चुके हैं। जिला प्रशासन ने सिटी के कई एरियाज को एपिसेंटर घोषित कर दिया है। तब्लीगी जमात से लौटे 33 लोगों में कोरोनावायरस का संक्रमण मिला है। इनमें से निजामुद्दीन से जमात के लिए आए 28 जमाती सिटी में कई लोगों के संपर्क में आए थे। किशोरपुरा निवासी की अब तक कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली है, एसआर हॉस्पिटल में कोरोनावायरस का संक्रमण कहां से आया यह भी अभी तक गुत्थी बना हुआ है। इस स्थिति में रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट काफी कारगर साबित हो सकती हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने क्लस्टर और हॉटस्पॉट इलाकों में रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट करने का फैसला किया है। इस टेस्ट के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को 8 अप्रैल से 7 लाख टेस्ट किट मिलेंगे। आगरा के बढ़ते केसों को देखते हुए इन रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट की डिलीवरी आ सकती है। जो आगरा के लिए काफी कारगर साबित होगी।

15 से 20 मिनट में आएगा रिजल्ट

रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट में मरीज के खून का सैंपल लिया जाता है। इसका रिजल्ट 15 से 20 मिनट में आ जाता है। इसमें उंगली में सुई चुभोकर खून का सैंपल लेते हैं। इसमें यह देखते हैं कि संदिग्ध के खून में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी काम कर रहे हैं या नहीं। यह टेस्ट उन लोगों में ज्यादा कारगर है जिनके लक्षण शुरु में नहीं दिखाई देते। हालांकि, रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट यह नहीं बताता कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है कि नहीं। लेकिन इस टेस्ट से यह पता चल जाता है कि कोरोना के मामले किस इलाके में तेजी से बढ़ रहे हैं। आईसीएमआर ने अगर रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट निगेटिव आता है तो मरीज का आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाए। अगर टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो उस व्यक्ति को प्रोटोकॉल के अनुसार आइसोलेशन में रखा जाएगा और उसके संपर्क में आए लोगों को खोजा जाएगा।

एसएन में जल्द होगी कोरोना सैंपल्स की जांच

कोरोनावायरस की जांच अब जल्द ही एसएन मेडिकल कॉलेज में हो सकेगी। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। यहां लेवल थ्री की लैब है, कोरोना की जांच के लिए नए इक्विपमेंट्स खरीद लिए गए हैं। फिलहाल आगरा से कोरोनावायरस की जांच के लिए सैंपल केजीएमयू, लखनऊ भेजे जा रहे हैं। ऐसे में एसएन के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में बायोसेफ्टी लेवल थ्री की लैब है। यहां 2015 से स्वाइन स्वाइन फ्लू की जांच की जा रही है, इसी तरह से कोरोना वायरस की जांच रियल टाइम पीसीआर से की जाती है। यह सुविधा भी एसएन में शुरू की जा रही है। एसएन मेडिकल कॉलेज को कोरोनावायरस के इलाज के लिए एक करोड़ से अधिक का बजट मिला है, इस बजट से जरूरी उपकरण खरीदे गए हैं। प्राचार्य डॉ जीके अनेजा ने बताया कि लैब की तैयारी पूरी कर ली गई है। अब बस आइसीएमआर की अनुमति मिलने और किट अवेलेबल होने की देर है। यहां पर जांच होने लगी तो सैंपल की रिपोर्ट जल्दी मिलने लगेगी और मरीजों का इलाज टाइम से हो सकेगा।

Posted By: Inextlive