स्पोर्ट्स इंडस्ट्री पर 'करोना' प्रहार
आईपीएल 2020 पर संकट के बादल, गोदामों में भरा खेल का सामान
बच्चों ने खेल मैदान से बनाई दूरी, लोकल खेल मार्केट ठप विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए विदेश जाने वाला माल भी ठहरा Meerut। एक तरफ एग्जाम सीजन लगभग खत्म हो चुका है और आईपीएल सीजन-2020, 29 मार्च को स्टार्ट होने वाला था। मगर देश में कोरोना वायरस का प्रकोप इस कदर छाया कि आईपीएल 2020 पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। इन बादलों ने मेरठ के खेल कारोबारियों को भी पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया है। कोरोना वायरस ने खेल कारोबारियों को ऐसा झटका दिया है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आईपीएल 2020 के लिए फैक्ट्रियों में तैयार किया गए करोड़ों रूपये का माल का क्या करें। वहीं कोरोना के खौफ से लोकल खेल मार्केट भी लगभग ठप हो गया है। स्कूली बच्चे बड़े खरीदारदरअसल, हर साल की तरह आईपीएल सीजन शुरू होते ही बच्चे खेल के मैदानों का रुख करते हैं। इसी सीजन में क्रिकेट एकेडमीज के नए सेशन भी शुरू होते हैं। जिससे लोकल मार्केट में क्रिकेट के सामान की जमकर बिक्री होती है। मगर कोरोना वायरस के चलते इस बार बच्चों ने खेल के मैदानों से दूरी बना ली है, जिससे खेल के लोकल मार्केट को भी इस बार जबरदस्त झटका लगा है। जिस सीजन में स्पोर्ट्स शॉप्स पर भीड़ नहीं टूटती थी, वहां इक्का-दुक्का ही ग्राहक नजर आ रहे हैं।
स्पोर्ट्स कंपनियों की ये थी तैयारी बल्ले - 50 हजार बॉल - 40 हजार विकेट्स - 10 हजार पेड्स - 50 हजार ग्लब्स - 50 हजार (आंकड़े अनुमान पर आधारित) अन्य खेल कारोबारी भी परेशान कोरोना का संकट केवल क्रिकेट का सामान बनाने वाले कारोबारियों पर ही नहीं छाया है बल्कि अन्य खेलों जैसे हॉकी, टेनिस, एथलेटिक्स, टेबल टेनिस, जिम, वॉलीबॉल और फुटबॉल आदि का सामान बनाने वाले कारोबारी भी संकट से जूझ रहे हैं। देश के साथ विदेशों में होनी वाली खेल प्रतियोगिताओं में सप्लाई होने वाले सामानों से गोदाम पट गए हैं। कारण, न कोई खिलाड़ी देश से बाहर खेलने जा पा रहा है और न ही कोई विदेशी खिलाड़ी खेलने देश में आ पा रहा है। ये बोले कारोबारीहमारा सबसे ज्यादा सामान आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जिम्बॉवे समेत कई देशों में जाता है। मगर कोरोना वायरस के चलते काम ठप हो गया है। लोकल स्तर पर भी खिलाड़ी खेलने के लिए स्टेडियम में नहीं जा रहे हैं। इसलिए लोकल भी सामान नहीं बिक रहा है। करोड़ों रूपये का नुकसान हो रहा है।
विनीत डाबर, डायरेक्टर, कोक्सटोन हमारे यहां विदेश से खिलाड़ी स्पोर्ट्स का सामान लेने के लिए आते हैं। खासतौर से अपनी पसंद का बल्ला बनवाते है मगर इस बार कोरोना वायरस के चलते विदेशी खिलाडि़यों की आवाजाही पर रोक लग जाने से कारोबार ठप हो गया है। तैयार पड़ा माल भी साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड समेत कई देशों में एक्सपोर्ट नहीं हो पा रहा है। राकेश महाजन, बीडीएम स्पोर्ट्स कोरोना वायरस का सबसे अधिक असर यदि पड़ा है वह स्पोर्ट्स इंडस्ट्री पर पड़ा है। दरअसल, मेरठ में सभी तरह के स्पोर्ट्स के सामान बनते हैं। हमारे यहां बल्ले, बॉल, पैड समेत क्रिकेट से कई सामान बनते हैं। मगर कोरोना न एक्सपोर्ट के साथ ही लोकल मार्केट भी ठप कर दिया है। जतिन सरीन, एसएस स्पोर्ट्स कोरोना का असर स्पोर्ट्स इंडस्ट्री पर पड़ रहा है। हमारे यहां एथलेटिक्स, बैडमिंटन आदि तैयार किए जाते हैं। जिनको देश के साथ ही विदेशों में होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए एक्सपोर्ट किया जाना था। कोरोना से पूरी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री ठप हो गई है। आशुतोष भल्ला, वीनेक्स स्पोर्ट्सआईपीएल 2020 के लिए विदेशी खिलाडि़यों की लगातार बल्लों की डिमांड आ रही है। बल्लों को भेजा भी नहीं जा सकता है। कोरोना वायरस की वजह से लेबर भी काम से दूरी बना रही है।
क्षितिज अग्रवाल, पीआर स्पोर्ट्स इंडस्ट्री माल तैयार कर रही है, लेकिन कोरोना को लेकर आर्डर होल्ड पर चल रहे हैं। कोरोना का असर खत्म नहीं हुआ तो स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को भारी नुकसान होगा। अनुराग अग्रवाल, चेयरमैन, आईआईए व्यापार प्रभावित हो रहा है। लोग आवश्यकता वाले सामान ही खरीद रहे हैं। दरअसल महामारी घोषित होने के बाद हर व्यक्ति भीड़ से बचना चाहता है। ऐसे में लोगों में दहशत का माहौल है। व्यापार को नुकसान तो बड़े पैमाने पर हो रहा है लेकिन पहले देश है। नवीन गुप्ता, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संघ, मेरठ