Coronavirus कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में रेलवे और सेना ने पूरी तरह से कमर कस ली है। एक ओर जहां सेना कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए 51 अस्पतालों को तैयार कर रही है। डीआडीओ ने सैनेटाइजेशन उपकरणों के लिए पोर्टेबल बैकपैक डेवलप किया है। वहीं दूसरी ओर रेलवे ने क्वाॅरंटीन सुविधा से लैस 650 से ज्यादा कोच तैयार कर रहा है। रेलवे मास्क और सैनेटाइजर भी बना रहा है।

नई दिल्ली (पीटीआई/आईएएनएस)। Coronavirus कोरोना वायरस के देश में बढ़ते मामलों को देख भारतीय सेना युद्ध स्तर पर जुट गई है। कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए सशस्त्र बलों के 51 अस्पतालों को तैयार किया जा रहा है। वहीं इस संबंध में सैन्य अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के संदिग्ध मामलों की जांच के लिए सेनाओं की पांच लैब को नेशनल लेवल पर स्थापित टेस्टिंग सेंटर से जोड़ा गया है। इनमें देश दिल्ली स्थित आर्मी अस्पताल (रिसर्च एन्ड रेफरल), बेंगलुरु स्थित वायु सेना कमान अस्पताल, पुणे स्थित सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय (एएफएमसी), लखनऊ स्थित कमान अस्पताल और उधमपुर स्थित कमान अस्पताल शामिल हैं। वहीं छह और अस्पतालों को कोरोना वायरस के इलाज व जांच आदि के लिए तैयार किया जा रहा है। सेना द्वारा 51 अस्पतालों में केवल कोरोना के संदिग्धों के लिए अलग डिस्पेंसरी, आईसीयू यूनिटों की व्यवस्था की जा रही है। इसमें कोलकाता, विशाखापत्तनम, कोच्चि, कानपुर, जैसलमेर, जोरहाट और गोरखपुर आदि के अस्पताल शामिल हैं।

डीआरडीओ ने सैनेटाइजेशन उपकरणों के लिए पोर्टेबल बैकपैक डेवलप किया

वहीं कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआडीओ) ने क्षेत्र के सैनेटाइजेशन उपकरणों के लिए पोर्टेबल बैकपैक डेवलप किया है। डीआरडीओ के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में सेंटर फॉर फायर एक्सप्लोसिव एंड एनवायरमेंट सेफ्टी (सीएफईईएस) ने सैनिटाइजिंग इक्युपमेंट के दो कॉन्फिग्रेशन डेवलप किए हैं। ये अग्नि शमन अनुप्रयोग के लिए विकसित प्रौद्योगिकियों से स्पिनऑफ हैं। इस पोर्टेबल बैकपैक ऑपरेशन कर्मियों द्वारा आसानी से जाया जा सकता है।

पूर्वी और दक्षिण पूर्वी रेलवे 650 से अधिक रेल कोचों को क्वाॅरंटीन सेंटर बना रहा

वहीं पूर्वी रेलवे और दक्षिण पूर्वी रेलवे 650 से अधिक रेल कोचों को क्वाॅरंटीन सेंटर में बदल रहा है। इसमें पूर्वी रेलवे 338 और दक्षिण पूर्व रेलवे विभिन्न कार्यशालाओं में 329 कोच परिवर्तित कर रहा है। क्वाॅरंटीन सेंटर में तब्दील ये रेल कोच सभी आवश्यक मेडिकल इक्युपमेंट से लैस होंगे। यहां पर कोरोना पीड़ितों के उपचार से जुड़ी हर जरूरी चीज उपलब्ध होगी। दक्षिण पूर्व रेलवे आने वाले चारों डिवीजन में कुल 329 डिब्बों में आइसोलेशन वार्ड बनाना है। इसमें खड़गपुर, हटिया, टाटानगर और संतरागाछी में कामल चल रहा है।

रेलवे बड़ी संख्या में मास्क और सैनेटाइजर भी तैयार करने में जुटा है

रेलवे मास्क और सैनेटाइजर भी तैयार कर रहा है। रेलवे ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा है कि 1 अप्रैल तक रेलवे ने अपने विभिन्न उत्पादन इकाइयों में 2,87,704 मास्क और 25,806 लीटर सैनेटाइजर का उत्पादन किया है। इसमें मध्य रेलवे ने 22,580 मास्क और 2693 लीटर सैनेटाइजर बनाया। इसके बाद पश्चिम रेलवे ने 46,313 मास्क 700 लीटर सैनेटाइटर बनाया, उत्तर मध्य रेलवे ने 26,567 मास्क और 3100 लीटर सैनेटाइजर व पूर्वी रेलवे ने 14,800 मास्क और 2620 लीटर सैनेटाइजर का उत्पादन किया है।

Posted By: Shweta Mishra