Coronavirus : कोरोना वायरस के देश में बीते दो दिनों में बढ़े करीब 650 नए मामले देख सरकार ने टेस्टिंग लैब बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार का मानना है कि इस बिगड़ी स्थिति के लिए इन्हीं तरीकों को अपना कर कोरोना के मामलों पर काबू पाया जा सकता है। बता दें कि देश में तब्लीगी जमात की वजह से हालात तेजी से बिगड़े हैं। देश में कोरोना मामलों की संख्या 25 साै पार हो गई हैं

नई दिल्ली (एजेंसियां)। Coronavirus तब्लीगी जमात की करतूत के कारण अचानक बीते दो दिनों में 650 से अधिक नए मामले देखकर सरकार ने अपनी रणनीति बदल दी है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने भी डेली मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि पिछले 24 घंटों में रिपोर्ट की गई 12 मौतों में से कुछ लोग पिछले महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पश्चिम निजामुद्दीन क्षेत्र में हुई तब्लीगी जमात से जुड़े हैंं। संयुक्त सचिव ने कहा जो 647 मामले पिछले दो दिनों में पाए गए हैं वो ये 14 राज्यों (और केंद्र शासित प्रदेशों) अंडमान और निकोबार, दिल्ली, असम, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से रिपोर्ट किए गए हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने तब्लीगी जमात की करतूत से बिगड़ी स्थिति को काबू करने के लिए बड़े पैमाने पर कोरोना की जांच को हरी झंडी दे दी गई। भारतीय चिकित्सा शोध परिषद (आईसीएमआर) ने अब कई अन्य विभागों की लैब को कोविड-19 की जांच के लिए परमीशन दे दी है, जिससे की जांच ज्यादा हो सके।

इन लैब में भी अब कोविड-19 के नमूनों की जांच हो सकेगी

बायो तकनीक विभाग (डीबीटी), विज्ञान एवं तकनीक विभाग (डीएसटी), वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) और परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) की लैब में भी अब कोविड-19 के नमूनों की जांच हो सकेगी। आईसीएमआर के एक अधिकारी ने बताया कि इन संस्थाओं की लैब को जांच शुरू करने से पहले परिषद द्वारा जारी सुरक्षा संबंधी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है।बता दें कि अभी कुछ दिन पूर्व ही देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के दो सौ से अधिक वैज्ञानिकों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर देश भर में जांच केंद्र बढ़ाने की मांग की थी। इन वैज्ञानिकों का मानना था कि अधिक जांच केंद्र होने से न केवल परिणाम जल्दी मिलेंगे पाजिटिव मरीजों का इलाज भी सही समय से शुरू हो पायेगा। आइसीएमआर की ओर से कहा गया कि यह वायरस बहुत ही खतरनाक है। इसके नमूने कई स्तरों से होकर जांच के लिए पहुंचते हैं। किसी भी स्तर पर अप्रशिक्षित कर्मचारी नहीं लगाया जा सकता। जरा सी भी लापरवाही में यह वायरस लैब को संक्रमित कर सबके लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।

जांच लैब की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की ही होगी

आईसीएमआर की ओर से स्पष्ट किया गया है कि कि वह इन संस्थाओं को कोई जांच किट या अन्य साजो सामान उपलब्ध नहीं करायेगी। ये लैब सरकारी संस्थाओं और सरकारी अभियानों द्वारा भेजे गये नमूनों की ही जांच करेंगी। ये लैब चूंकि प्रतिष्ठित संस्थानों के अधीन हैं इसलिए वह न तो इनका मौका मुआयना करेगी और न ही किसी तरह का अनुमति समझौता करेगी।इन जांच लैब की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की ही होगी। संबंधित जांच लैब को अपना काम जल्द से जल्द शुरू करने के लिए सरकारी स्वास्थ्य विभागों से संपर्क स्थापित करने को कहा गया है। साथ ही मेडिकल कचरे के निस्तारण के लिए नियमों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। कोरोना की जांच के लिए विभिन्न विभागों से संबद्ध लैब को अधिकृत करने के साथ ही आइसीएमआर ने रक्त नमूनों से एंटीबाडी परीक्षण की मंजूरी दे दी है। एंटीबाडी परीक्षण से जांच का परिणाम जल्दी मिलता है। रक्त संबंधी अन्य जांचों की तरह इसका भी परिणाम पंद्रह से बीस मिनट में मिल जायेगा। एंटीबाडी परीक्षण की एक सुविधा यह भी है कि कम समय में ज्यादा लोगों की जांच हो सकती है।

Posted By: Shweta Mishra