कोरोना वायरस के चलते टोक्यो ओलंपिक को रद कर दिया गया है। हालांकि इसके स्थगन से जापान को थोड़ी निराशा हुई होगी क्योंकि इसके आयोजन की तैयारी पिछले सात सालों से हो रही थी। आइए जानें कब-कब क्या-क्या हुआ।

टोक्यो (एएफपी)। टोक्यो ओलंपिक को लेकर पूरे देश में काफी उत्साह था। इसकी टिकटें पिछले साल ही बिक गई थी मगर जब मंगलवार को इसके रद होने की खबर आई तो काफी लोग मायूस हो गए। हालांकि जापान का निराश होना बनता भी है क्योंकि वह पिछले सात सालों से खेल के महाकुंभ के आयोजन की तैयारी कर रहे थे।

2013: खुशी के आँसू

साल 2013 में आईओसी ने जब ओलंपिक 2020 की मेजबानी जपान को सौंपी तो हर कोई खुशी में झूम उठा। इसकी वजह थी कि 2011 में जापान में सुनामी और भूकंप ने भारी तबाह मचाई थी। ऐसे में दो साल बाद ओलंपिक मेजबानी की खबर पूरे देश के लिए राहत की बात थी। प्रधानमंत्री शिंजो आबे भी काफी खुश थे और उन्होंने कहा था कि ये हमारे लिए प्रतिष्ठा की बात है।

2015- स्टेडियम निर्माण का ब्लू प्रिंट

साल 2015 में जपानी सरकार ने टोक्यो में नेशनल स्टेडियम के निर्माण के लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया। जापान चाहता था कि यह दुनिया का सबसे महंगा स्टेडियम बने। मगर जब इसकी कॉस्ट 2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई तो पीएम काफी नाराज हुए उन्होंने उस ब्लू प्रिंट को फाड़ दिया और इस पर फिर से चर्चा करने की बात कही।

2015- लोगो को बदला गया

2015 में ही जापान की ओलंपिक कमेटी को फिर से शर्मसार होना पड़ा था। दरअसल जापान ने टोक्यो ओलंपिक के लिए एक 'लोगो' लॉन्च किया मगर बाद में डिजाइनर ओलिवर डेबे ने लोगो चोरी करने का आरोप लगाया। उन्होंने इसके खिलाफ कोर्ट में जाने की बात की। अंत में जपानी समिति को इस लोगो को हटाना पड़ा, हालांकि उस वक्त उन्होंने कहा था कि पब्लिक ने लोगो को पसंद नहीं किया इसलिए इसे हटाया जा रहा।

2018- मैस्कट किया गया लॉन्च

लोगो आपदा के बाद जापान के लिए तीन साल बाद राहत की खबर आई जब उन्होंने मैस्कट लॉन्च किया। जापान के कुछ स्कूली बच्चों ने ओलंपिक और पैरालंपिक के लिए मैस्कट चुना। इस ओलंपिक मैस्कट का नाम 'मिरितोवा' रखा गया। जिसका मतलब है भविष्य और अनंत काल।

2018- बॉक्सिंग ब्लूज

इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी ने बॉक्सिंग कंप्टीशन के लिए एआईबीए से अधिकार लिए। दरअसल एआईबीए पर मैच में भ्रष्टाचार को लेकर तमाम आरोप लगे थे। ऐसे में सभी को लगा कि इस बार ओलंपिक में शायद बॉक्सिंग न हो मगर आईओसी ने कंफर्म किया कि वह इसका आयोजन खुद अपनी देखरेख में करवाएगा।

2019- फ्रेंच चार्ज

साल 2019 में फ्रेंच इनवेस्टिगेटिंग मजिस्ट्रेट ने जापान ओलंपिक कमेटी के हेड शुनकाजू अकेदा के खिलाफ जांच शुरु की। उन पर आरोप लगा कि टोक्यो को मेजबानी देने के लिए उन्होंने काफी पैसा दिया था। हालांकि अकेदा ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। बाद में उन्होंने जापान की ओलंपिक समिति से इस्तीफा दे दिया।

2019- मैराथन इवेंट शिफ्ट

साल 2019 में आईओसी का यह प्रस्ताव दिया गया था कि जिस वक्त टोक्यो में ओलंपिक होने थे, तब काफी गर्मी पड़ती ऐसे में मैराथन इवेंट को कहीं और शिफ्ट करने को कहा गया था। आईओसी इस प्रस्ताव पर इसलिए विचार कर रहा है क्योंकि 24 जुलाई-अगस्त 9 के खेलों के दौरान टोक्यो में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। जबकि उत्तर में 800 किलोमीटर (500 मील) साप्पोरो में दिन के दौरान पांच से छह डिग्री तापमान कम होगा। आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाक ने एक बयान में कहा, "एथलीट के स्वास्थ्य और कल्याण को लेकर हम हमेशा से सतर्क रहे हैं। मैराथन और दौडऩे की प्रतियोगिताओं को स्थानांतरित करने के हमने जो प्रस्ताव दिया है। उससे साबित होता है कि कि हम इस तरह की चिंताओं को कितनी गंभीरता से लेते हैं।' थॉमस का यह भी कहना है, 'ओलंपिक खेल एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहाँ एथलीट अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना चाहता है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है उन खिलाडिय़ों को अनुकूल माहौल दिया जाए।'

2019- बजट पर चर्चा

आयोजकों ने दिसंबर 2019 में ओलंपिक के आयोजन को लेकर आखिर बजट जारी किया। इसके मुताबिक 12.6 बिलियन डॉलर का खर्च आना था। हालांकि बाद में ऑडिट ने सुझाव दिया कि यह खर्चा करीब 10 गुना ज्यादा बढ़ सकता है।

2019- रुस पर प्रतिबंध

खेलों में रूस की भागीदारी पर दिसंबर में सवाल उठाया गया था, जब डोपिंग रोधी एजेंसी वाडा ने ओलंपिक डोपिंग डेटा को लेकर ओलंपिक सहित वैश्विक आयोजनों से चार साल तक देश के एथलीटों पर प्रतिबंध लगाया था। रूस ने कहा वह इसके खिलाफ अपील करेगा लेकिन मार्च 2020 में सुनवाई स्थगित कर दी गई क्योंकि तब तक कोरोना वायरस विश्व स्तर पर फैल गया।

2020- कैंसिलेशन के बारे में सोच नहीं सकते

मार्च के अंत तक, कोरोना वायरस के चलते 325,000 से अधिक लोग संक्रमित हो गए और 14,400 से अधिक मौतों हो गई। इसके कारण डब्ल्यूएचओ को इसे महामारी घोषित करना पड़ा। हालांकि जापान इसके बावजूद ओलंपिक के आयोजन को अड़ रहा। टोक्यो के गवर्नर कोइके ने रद करने को "अकल्पनीय" कहा। लेकिन आईओसी और जापानी अधिकारियों ने धीरे-धीरे यह स्वीकार करना शुरू कर दिया कि अब आयोजन मुश्किल है।

2020- रद करने का लिया फैसला

24 मार्च 2020 को जापान और आईओसी ने मिलकर टोक्यो ओलंपिक को रद करने का फैसला किया। इसे एक साल के लिए टाल दिया गया है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari