Coronavirus Covid-19 Impact: जरूरत पड़ी तो रेल कोच बन जाएंगे आइसोलेशन वॉर्ड, आपात स्थिति से निपटने के लिए रेलवे हो रहा तैयार
प्रयागराज (आईएएनएस)। Coronavirus Covid-19 Impact: देश में कोरोना वायरस के कहर को रोकने के अथक प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में कोरोना के खिलाफ जारी इस लड़ाई में भारतीय रेलवे ने ट्रेन के डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में बदलने की तैयारी कर रहा है। इस संबंध में उत्तर मध्य रेलवे (NCR) के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने कहा कि रेलवे नई दिल्ली में कोचिंग डिपो में माैजूद मेडिकल प्रोफेनल्स से कंसल्ट करने के बाद कोचों को आइसोलेशन वार्डों में बदलने की कोशिश कर रहा है। इस दाैरान ट्रेन के स्लीपर कोच को कोविड-19 से पीड़ित रोगियों के लिए आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की योजना हमें किसी भी आपात स्थिति से निपटने में मदद करेगी।
आईआरसीटीसी अस्पतालों में भोजन परोसने की योजना बना रहाइसके अलावा, सभी रेलवे डिवीजनों ने कोविद -19 रोगियों के लिए आइसोलेशन बेड स्थापित करने के लिए एक वार्ड या भवन की पहचान की है। इसी तरह इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन(IRCTC) जरूरत पड़ने पर देश के विभिन्न हिस्सों और अस्पतालों में भोजन परोसने की योजना पर काम कर रहा है। वहीं एनसीआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ), अजीत कुमार सिंह ने कहा कि माल गाड़ियों में किसी प्रकार की खराबी न आए और परिचालन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एनसीआर द्वारा सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
मालगाड़ी की गति घटाकर 15 किलोमीटर प्रति घंटे कर दी गईअजीत कुमार ने बताया कि बड़े यार्डों में, जहां रखरखाव के लिए ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत होती है, वहां मालगाड़ी की गति कम करके 15 किमी प्रति घंटे कर दी गई है। इसके अलावा रेलवे अपने सुरक्षा श्रेणी और रनिंग स्टाफ की मेडिकल फैसेलिटीज को बढ़ावा देने के लिए अनिवार्य पैरामेडिकल मेडिकल परीक्षा (PME) के विस्तार पर विचार कर रहा है। इतना ही नहीं राजीव चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए वीडियो का इस्तेमाल कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए किया जा रहा है।