Diamond कोरोना वायरस महामारी की वजह से मार्च में हीरे के दाम काफी तेजी से गिरे है। वहीं अगली तिमाही में और भी कीमतें गिरने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि भारत में भी निर्माताओं ने दिसंबर और फरवरी के बीच बड़ी मात्रा में हीरा खरीद लिया था। डीलर्स के पास भी काफी ज्यादा स्टाॅक है जबकि हीरे की डिमांड मार्च में काफी कम रही।

मुंबई (महाराष्ट्र) (एएनआई/बिजनेसवायर इंडिया)। कोरोना वायरस की वजह से मार्च में ग्लोबल इकाॅनाेमी मार्केट में हीरे की कीमतों में तेजी से गिरावट आई। गहने की खुदरा बिक्री, हीरे के विनिर्माण और व्यापार बंद होने के कारण डायमंड मार्केट काफी दबाव में हैं। रैपनेट डायमंड इंडेक्स (आरएपीआई) एक कैरेट हीरे के लिए इस महीने 6.8 प्रतिशत कम हुआ और पहली तिमाही में 8.7 प्रतिशत कम होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि धीमी मांग और बढ़ती आपूर्ति के बीच बाजार में हीरों की कीमतों में गिरावट आई क्योंकि निर्माताओं ने दिसंबर और फरवरी के बीच बड़ी मात्रा में हीरा खरीद लिया था। वहीं कोरोना वायरस महामारी के आने से पहले के तीन महीनों में डी बीयर्स की रफ सेल1.3 बिलियन अमरीकी डालर अधिक थी, जबकि अलरोसा की कीमत 1.1 बिलियन से अधिक थी।

15 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक कीमतें घट गई
हालांकि हालातों को देखते हुए डी बीयर्स ने मार्च की सप्लाई रोक दी थी। वहीं अलरोसा ने तो अप्रैल की शुरुआत में भी ग्राहकों को डिमांड पूरी की। ऐेसे में हालातों को देखते हुए यही अनुमान लगाया जा रहा है कि सेल शुरू होने के बाद भी दाम गिरे रहेंगे क्योंकि सप्लाई काफी ज्यादा हो चुकी है। मार्च में जो नीलामी हुई है उसमें 15 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक कीमतें घट गई है। इस बीच भी प्रमुख खनन कंपनियों में उत्पादन जारी रहा है जबकि डिमांड में कमी रही। कोरोना वायरस की वजह से पॉलिश डायमंड की मांग कमजोर काफी कम रही।

नई सप्लाई तो खूब हुई लेकिन मांग रुकी रही

भारत से पॉलिश एक्सपोर्ट फरवरी में 41 प्रतिशत तक गिर गया। बेल्जियम से शिपमेंट से 38 प्रतिशत और इजरायल से 73 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। वहीं हीरे के निर्माताओं और डीलरों के बीच इन्वेंटरी बढ़ी। नई सप्लाई तो खूब हुई लेकिन मांग रुकी रही। ऐसे में अनुमान है कि साल शुरुआत से लेकर मध्य मार्च तक मिडस्ट्रीम इन्वेंट्री 20 प्रतिशत बढ़ी है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि महामारी कब तक जारी रहेगी और यह किस हद तक ग्लोबल मार्केट को प्रभावित करेगी। ऐसे में इंडस्ट्री को ऑनलाइन ट्रेडिंग पर जोर देना चाहिए और इस माहौल में अपने ई-कॉमर्स ज्वैलरी प्लेटफार्मों में सुधार करना चाहिए। इसके अलावा जब डिमांड हो तो उसे रिकवर करने के लिए मजबूत मार्केटिंग कैंपेन की तैयारी करनी चाहिए।

Posted By: Shweta Mishra