Coronavirus दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में स्थित तब्लीगी जमात के प्रबंधन के खिलाफ एफआई आर दर्ज करके मामला क्राइम ब्रांच को साैंप दिया गया है। वहीं सरकार में इस जमात में शामिल विदेशी सदस्यों को तलाश कर उन्हें तुरंत वापस भेजने का आदेश दिया है। आरोप है कि तब्लीगी जमात ने तेजी से संक्रमण फैलाया है।

नई दिल्ली(आईएएनएस)। Coronavirus कोराना वायरस को देश में तेजी से फैलाने में तब्लीगी जमात का नाम सामने आया है। पुलिस सोर्सेज के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में स्थित तब्लीगी जमात के प्रबंधन के खिलाफ एफआई आर दर्ज की और इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को साैंप दी है। वहीं क्राइम ब्रांच के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा कि हम कई पहलुओं पर गौर करते हुए इस मामले की जांच करेंगे, जैसे कि 18 मार्च के बाद, कितने लोग जमात मुख्यालय पहुंचे। इसके अलावा हम यह भी पता लगाएंगे कि क्या स्थानीय पुलिस स्टेशन और दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम अपने एरिया में एक्टिव रही। तब्लीगी जमात मरकज पर भी महामारी अधिनियम के प्रावधानों और आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के उल्लंघन के लिए एफआई आर दर्ज हुई है।

जमात में शामिल लोगों की देश के विभिन्न हिस्सों में होगी तलाश

क्राइम ब्रांच टीम मरकज प्रमुख के साथ-साथ साद कांधलवी पर भी सवाल उठाएगी, जिन्होंने संप्रदाय के अनुयायियों की इतनी बड़ी भीड़ को एक ऐसी स्थिति में संगठित किया, जहां कोरोना वायरस संक्रमण जल्दी फैलता है। क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने कहा कि यह अब उन लोगों की तलाश करेगी जिन्होंने इस जमात में भाग लिया और फिर देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच गए। उनमें से कई घातक कोरोना संक्रमण ले गए। कई राज्यों ने पहले ही बताया है कि ऐसे धार्मिक अनुयायियों को पहले ही कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।

विदेशी सदस्यों को तलाश कर उन्हें तुरंत वापस भेजने का आदेश

इसके अलावा उन विदेशियों को भी लिस्टेट किया जा रहा जो पहले ही अपने देशों के लिए रवाना हो चुके होंगे। वहीं दिल्ली सरकार भी इस मामले को लेकर सख्त हो गई है। उसने निजामुद्दीन तब्लीगी जमात में शामिल विदेशी सदस्यों को तलाश कर उन्हें तुरंत वापस भेजने का आदेश दिया है। गृह मंत्रालय के मुताबिक तब्लीगी जमात में शामिल होने के लिए 70 देशों के सदस्य आए थे। इनमें बांग्लादेश के 493, इंडोनेशिया के 472, मलेशिया के 150 और थाइलैंड के 142 सदस्य शामिल हैं। भारत में इन्हें छह महीने तक रहना था।

Posted By: Shweta Mishra