कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन का असर 'गुड फ्राइडे' पर पड़ा है। दुनिया भर में कई कार्य्रकम रद कर दिए गए हैं।

यरूसलम (एपी) कोरोना वायरस महामारी के चलते दुनिया भर में लॉकडाउन को लेकर क्रिस्चियन पारंपरिक तरीके से अपना 'गुड फ्राइडे' त्योहार मनाने में असमर्थ हैं। उन्हें मजबूरन यह त्योहार बिना जुलूस के मनाना पड़ रहा है। पादरियों के एक छोटे समूह को यरूशलम में होली सेपुल्चेर के एक चर्च में प्रार्थना के लिए बंद दरवाजे के पीछे रखा गया है। बता दें कि यह वो स्थल है, जहां ईसाई मानते हैं कि यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था। साधारण समय में, दुनिया भर के हजारों तीर्थयात्री पवित्र सप्ताह में इस जगह पर यीशु का दर्शन करने जाते हैं। लेकिन इस साल, फ्लाइट भी नहीं चल रही हैं व पवित्र भूमि में धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया है क्योंकि अधिकारियों ने वायरस के प्रसार को रोकने की कोशिश की है। इसलिए, यह 'गुड फ्राइडे' बेहद शांति के साथ मनाया जा रहा है।

दुनिया भर में कई कार्यक्रम रद

बता दें कि रोम में गुड फ्राइडे के दिन कालीज़ीयम पर क्रॉस जुलूस का मशाल जलाया जाता है, जो पवित्र सप्ताह का एक आकर्षण होता है। इसको देखने के लिए तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और स्थानीय लोगों की बड़ी भीड़ होती है लेकिन यह इस वर्ष रद कर दिया गया है। इसके अलावा क्रॉस जुलूस के मार्ग की अध्यक्षता करने के बजाय, पोप फ्रांसिस जनता के बिना सेंट पीटर स्क्वायर में एक गुड फ्राइडे समारोह का नेतृत्व करेंगे। दस लोग, वेटिकन के स्वास्थ्य कार्यालय से पांच और उत्तरी इटली में पडुआ की एक जेल से पांच लोग जुलूस में भाग लेंगे, जो सेंट पीटर स्क्वायर में ओबिलिस्क के आसपास कई बार घूमेंगे। वहीं, फिलीपींस समेत दुनिया भर के कई जगहों पर गुड फ्राइडे को देखते हुए होने वाले सभी कार्यक्रमों को रद कर दिया गया है। इसके अलावा, कई देशों में चर्च जाने वाले लोगों को को घर पर रहने की सलाह दी गई है और उन्हें परिवार के साथ मिलकर घर पर ही यीशु के लिए प्रार्थना करने की बात कही जा रही है। साथ ही उनसे टीवी या ऑनलाइन के माध्यम से धार्मिक कार्यक्रमों को देखने के लिए कहा गया है।

Posted By: Mukul Kumar