Corona in Gorakhpur Latest Update: गोरखपुर में हॉरर फिल्म स्त्री का डायलॉग घर की दीवारों पर लिखकर लोग कर रहे कोरोना से बचाव। इस इलाके की गलियों में कालोनीवासियों ने खुद ही कर ली है बैरिकेडिंग। घर के बाहर दीवारों पर लिखा 'हे कोरोना कल आना'।

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GORAKHPUR: Corona in Gorakhpur Latest Update: दिल्ली बहुत दूर है अभी तक शायद यही गोरखपुराइट्स को लग रहा था। लेकिन जब से गोरखपुर के तिवारीपुर इलाके से कोरोना का नाम जुडा है। तब से लोगों के चेहरे पर दशहत देखते बन रही है। कदम उठाकर एक से दूसरे मोहल्ले कभी भी चले जाने वाले लोग न सिर्फ अपने मोहल्लों में कैद हो गये हैं बल्कि अपने मोहल्लों में बाहरियों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। तिवारीपुर इलाके के आस-पास रहने वालों में दहशत का ये माहौल है कि कुछ लोगों ने अपने घर के बाहर लिख दिया है कि &ए कोरोना भाग जाओ&य। साथ ही तिवारीपुर के मोहनलालपुर, पिपरापुर, बीस टोला व अन्य मोहल्लों में बास बल्ली लगाकर मोहल्लों के रास्ते को रोक दिया गया है। वहीं तिवारीपुर के रास्ते अन्य स्थानों पर जाने वाले लोगों ने अपना रास्ता बदल लिया है। अब अगर किसी को सुर्यकुड, रसूलपुर और गोरखनाथ इलाके से राजघाट जाना होता है तो वह तिवारीपुर, इलाहीबाग से न जाकर गोलघर से घूमकर जा रहा है। जबकि इधर जबसे डोमिनगढ रोड सहजनवां फोर लेन से जुडी थी तब से इस सडक पर लोगों की आवाजाही बहुत बढ गई थी।

पल भर में बदला माहौल

तिवारीपुर निवासी हसरत अली के कोरोना रिपोर्ट आने के बाद से तिवारीपुर का माहौल अचानक से बदल गया है। लोगों के दिलों में डर और दहशत ने घर कर लिया है। हसरत की रिपोर्ट पॉजीटिव होने से पहले भी यहां लॉकडाउन था लेकिन पिपरापुर, मोहनलालपुर की गलियों में सुबह और शाम लोगों का जमावड़ा लगा रहता था। लेकिन जब से लोगों को ये पता चला है कि मुसीबत हमारे घर तक आ गई है। तब से सभी के चेहरे की रंगत उड़ गई है और लोगों का घर से बाहर निकलना पूरी तरह बंद हो गया है। अब सन्नाटा सिर्फ मुख्य सड़कों पर नहीं बल्कि मोहल्लों की गलियों में भी पसर गया है।

दीवारों पर लिखा स्त्री फिल्म का डायलॉग

कुछ साल पहले रिलीज हुई हॉरर कॉमेडी फिल्म स्त्री के एक डायलॉग इन दिनों पिपरापुर और मोहनलालपुर स्थित घरों के दीवारों पर लिखा है। घर की दीवारों पर लोगों ने &ए कोरोना कल आना&य लिखा है। फिल्म स्त्री का डायलॉग था कि &ऐ स्त्री कल आना&य जो कि एक चुड़ैल थी और माना जाता था कि जिस घर के बाहर लिखा होगा ऐ स्त्री कल आना तो उस घर में वो चुड़ैल नहीं जाती थी। तिवारीपुर के आबिद सलमान, शमशाद अहमद, सुहैल खान और शकील अंसारी ने अपने घर पर लिखवाया है &ए कोरोना कल आना&य। इसके साथ ही सभी मोहल्लोंवासियों की ओर से पोस्टर लगवाया गया है। जिसमें लिखा है कि मोहल्ले में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश पर रोक है।

कई लोगों ने बदल लिया रास्ता

सुर्यकुंड कालोनी के रहने वाले संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि वैसे तो लॉकडाउन में बाहर नहीं निकलते हैं लेकिन नौसड़ स्थित एक रिश्तेदार के यहां दवा पंहुचानी थी तो तिवारीपुर न जाकर गोलघर से गये। क्योंकि तिवारीपुर को लेकर अब डर लगने लगा है। इसी तरह अन्य लोगों ने भी तिवारीपुर से खुद को पूरी तरह काट लिया है। तिवारीपुर की सड़कों पर अब बमुश्किल एक या दो लोग ही नजर आते हैं।

तिवारीपुर इलाके में क्वारंटाइन हैं 30 जमाती

तिवारीपुर इलाके में ही तीन अलग-अलग मस्जिदों पिपरापुर, सिधारीपुर और मोहनलालपुर में कुल 30 जमातियों को कुछ दिन पहले ही क्वारंटाइन किया गया है। मस्जिद की तलाशी में बाहर से आए करीब 30 जमाती मिले थे। जिन्हें प्रशासन और हेल्थ की टीम ने फौरन क्वारंटाइन कर दिया था। वहीं तिवारीपुर के अन्तर्गत ही चार बाहरियों को सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में क्वारंटाइन किया गया है।

वर्जन-

तिवारीपुर में मोहनलालपुर, पिपरापुर, इलाहीबाग, बिसटोला मोहल्ले हैं। जिनकी पुलिस टीम भी लगातार निगरानी कर रही है। वहीं कोरोना पॉजिटिव मरीज बस्ती के कैली हॉस्पिटल में भर्ती है। उसके परिवार वालों को तिवारीपुर में स्थित उनके घर में क्वारंटाइन किया गया है।- सत्य प्रकाश सिंह, थाना प्रभारी, तिवारीपुर

कोरोना को क्‍या संदेश दे रहे हैं गोरखपुर के लोग

- मैनें दीवार पर लिखा है कि हे कोरोना कल आना। मतलब कल कभी नहीं आता है और कोरोना को हमेशा के लिए जाने का निवेदन कर रहे हैं। जब तक अपने शहर में कोई मरीज नहीं मिला था। तब इस बीमारी का इतना डर नहीं था। जब से तिवारीपुर निवासी में भी कोरोना की पुष्टि हुई है, तब से डर बढ गया है।

- मैने तो साफ-साफ सबको बता दिया है कि 'हे मेहमान इस समय अपना घर ही सबसे सेफ है' जो भी हाल चाल लेना है वो फोन पर लें। इस समय लॉक डाउन के दौरान घर आने की कृपा ना करें। इससे आप भी स्वस्थ रहेंगे और मेरा परिवार भी सुरक्षित रहेगा। नियमों को पालन भी अच्छे से होगा।

- हवा तेज चल रही है तब भी ऐसा लग रहा है कि इन हवाओं के साथ कोरोना ना आ जाए। हालांकि इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बेहद कम है। लेकिन इसकी दहशत हर किसी के चेहरे पर देखने को मिल रही है। चाहे अपना हो या पराया बाहर से आने के बाद हर किसी को संदिग्‍ध निगाहों से ही देखा जा रहा है।

- कई इलाकों में तो लोगों ने खुद से बैरिकेडिंग लगा दी है। ताकि कोई बाहरी उनके मोहल्‍ले में प्रवेश ना कर सके। मुझे अभी तक लग रहा था कि दिल्ली दूर है। जब से तिवारीपुर इलाके में इस बीमारी ने प्रवेश किया है। तब से एहतियात के लिए कई दिन की सब्जी लाकर घर पर रख ले रहें हैं। ताकि बार- बार बाहर जाने से बचा जा सके।

Posted By: Chandramohan Mishra