Coronavirus कोरोना वायरस की चपेट में आए 93 वर्ष और 88 वर्ष की आयु के एक बुजुर्ग दंपत्ति के ठीक होने का मामला सामने आया है। डाॅक्टर उम्र के इस मोड़ पर कोरोना से लड़कर ठीक होने को किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं। यह दुर्लभ मामला कोरोना से लड़ने वाले बुजुर्गों के लिए एक आशा की किरण साबित होगा।

नई दिल्ली (पीटीआई)। Coronavirus केरल में 93 वर्ष और 88 वर्ष की आयु के एक बुजुर्ग दंपति ने कोरोना वायरस को मात देकर उम्मीद की एक नई किरण जगाई है। आमतौर पर कोरोना वायरस को बुजुगों के लिए सबसे घातक माना जाता है। 93 वर्षीय बुजुर्ग थामस अब्राहम और उनकी पत्नी मरियम्मा (88) पठानमथिट्टा नगरपालिका में रन्नी इलाके से आए थे। थामस अब्राहम और मरियम्मा अब पूरी तरह से फिट और काफी खुश हैं। कोरोना वारयस से पूरी तरह से उबरने से पहले ये दोनों काफी गंभीर हालत में थे। इन्हें कोट्टयम मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस दंंपत्ति को आईसीयू में भी रखा गया था। बुजुर्ग दंपत्ति को यह संक्रमण पिछले महीने इटली से लौटे अपने बेटे, बहू और पोते से हुआ था।

बुजुर्ग दंपत्ति का कोरोना से ठीक होना किसी चमत्कार से कम नहीं

इस संबंध दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर नीरज गुप्ता ने कहा कि ज्यादा एज ग्रुप यानी कि विशेष रूप से 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में कोरोना से पूरी तरह फिट होने का यह मामला दुर्लभ मामलों में से एक है। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। उन्होंने कहा यह मामला स्वास्थ्यकर्मियों और इस भयानक बीमारी से लड़ने वाले बुजुर्गों के लिए एक आशा की किरण साबित होगा। सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के रोगियों का इलाज कर रही टीम का भी हिस्सा भी हैं।

सबसे ज्यादा संख्या में 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों की मौत

कोरोना वायरस के चीन, इटली, अमेरिका और स्पेन जैसे देश काफी प्रभावित हुए हैं। यहां सबसे ज्यादा संख्या में 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों की मौत हो गई है। भारत में कोरोनोवायरस के 16 साै से अधिक पाॅजिटिव केस सामने आ चुके हैं। वहीं इससे यहां पर 45 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। विश्व स्तर पर, वायरस ने 700,000 से अधिक लोगों को संक्रमित किया है और लगभग 35,000 से अधिक लोगों का जीवन छीन चुका है।

Posted By: Shweta Mishra