Coronavirus कोरोना वायरस के बढ़ते संकट को देखते हुए अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मुस्लिमों से 8 अप्रैल और 9 अप्रैल को शब-ए-बारात के मौके पर लाॅकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करने और अपने घरों पर धार्मिक अनुष्ठान करने की अपील की। इनके अलावा कई धर्मगुरुओं ने भी कुछ ऐसा अनुरोध किया है।

नईदिल्ली (पीटीआई)। Coronavirus इस्लाम धर्म में शब-ए-बारात को माफी की रात के रूप में जाना जाता है। इस दाैरान दुनिया भर के मुसलमान मस्जिदों में इकट्ठा होते हैं और नमाज अदा करते हैं। इस साल यह 8 और 9 अप्रैल की मध्यरात्रि को पड़ रहा है। इस दाैरान अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने एक बयान में कहा, लगभग सभी धार्मिक नेताओं और धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने मुसलमानों से अपील की है कि वे शब-ए-बारात के मौके पर लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के मामले में कोई लापरवाही न करें। केंद्रीय वक्फ परिषद के माध्यम से सभी राज्य वक्फ बोर्ड को निर्देश दिया गया है कि उनके द्वारा शब-ए-बारात पर पूरी तरह से लाॅकडाउन का पालन करने के लिए प्रशासन की सहायता करने और घरों में रहकर नमाज अदा करने अपील करने की जाए।

शब-ए-बारात पर सभी नमाज और इबादत घर पर की जा सकती

केंद्रीय मंत्री ने कहा, हमें अपने घरों में भी भारत और पूरी दुनिया को कोरोना वायरस की चुनौतियों को खत्म करने की शक्ति देने की प्रार्थना करनी चाहिए। मंत्री ने कहा कि पूरा देश गंभीरता और ईमानदारी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर लाॅकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के दिशानिर्देशों का पालन कर रहा है। किसी भी प्रकार की लापरवाही हमारे, हमारे परिवार, समाज और पूरे देश के लिए हानिकारक हो सकती है। हमें प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए। इस बीच, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने भी मुसलमानों से अपील की कि वे घर पर शब-ए-बारात का पालन करें और लाॅकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के दिशानिर्देशों का पालन करें। शब-ए-बारात पर सभी नमाज और इबादत घर पर की जा सकती है।

हर शब-ए-बारात पर कब्रिस्तानों का दौरा करने की आवश्यकता नहीं

इस रात कब्रिस्तानों में जाने की मान्यता के बारे में मदनी ने कहा कि उनके अनुसार, हर शब-ए-बारात पर कब्रिस्तानों का दौरा करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सामान्य समय में भी, घर से बाहर निकलना, शोर करना और देर रात सड़कों पर अराजकता पैदा करना, भीड़ में वाहनों पर घूमना न केवल इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ है बल्कि कानून का उल्लंघन भी है। वहीं कोलकाता नगर निगम ने लोगों से शब-ए-बारात के दौरान बाहर न निकलने की अपील की है। इसके साथ ही कहा कि नगर निगम ने 3 अप्रैल को इस संबंध में एक नोटिस जारी किया। इसमें कहा कहा गया है कि इस रात शोक व्यक्त करने वालों से अनुरोध है कि कोरोना की लड़ाई में सोशल डिस्टेंसिंग काे फाॅलो करते हुए दफन मैदान पर भीड़ न एकत्र करें। वहीं कर्नाटक में शब-ए-बारात से पहले लाॅकडाउन का पालन करने के लिए, कर्नाटक सरकार ने दरगाहों और कब्रिस्तानों को बंद करने के निर्देश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार, जनता को कब्रिस्तानों और दरगाहों में धार्मिक अनुष्ठान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

Posted By: Shweta Mishra