कमिश्नर की अध्यक्षता में 2 नवंबर को बैठक का आयोजन

रैंकिंग बढ़ाने के लिए कमियों पर होगा मंथन

Meerut। चार बार स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ने के बाद एक बार फिर नगर निगम टॉप 100 में शामिल होने की उम्मीद के साथ स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की कवायद में जुटा गया है। इसके लिए निगम ने अपनी पिछली गलतियों को दूर करने और जनता के फीड बैक को बेहतर बनाने की योजना बनाई है। हालांकि स्वच्छता सर्वेक्षण की फाइनल तैयारियों का पूरा मंथन 2 नवंबर को कमिश्नर की अध्यक्षता में आयोजित मेरठ की बैठक में होगा लेकिन अभी निगम उस बैठक के लिए अपनी प्लानिंग बनाने में जुटा हुआ है। निगम ने सर्वेक्षण में अच्छे अंक पाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम शुरु कर दिया है।

चार बार से कोशिश रही नाकाम

स्वच्छता सर्वेक्षण में मेरठ नगर निगम चार बार भाग ले चुका है। साल 2018 के स्वच्छता सर्वेक्षण में मेरठ को 339वां स्थान मिला था। जबकि पिछले साल भरपूर तैयारियों के बाद भी निगम का 286वीं रैंक से ही संतोष करना पड़ा था। इसमें सबसे अधिक नुकसान निगम को शहर के लोगों के फीडबैक में मिला था। निगम ने शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण का प्रचार प्रसार नही किया इसलिए शहर के लोग जागरुक नही हुए और ना ही सर्वेक्षण टीम को अच्छा फीडबैक मिला। वहीं शहर की साफ सफाई व अन्य मानकों को निगम पूरा नही कर सका।

कूड़ा निस्तारण प्लांट बनेगा प्लस पाइंट

इस बार शहर की साफ सफाई में कोई कमी ना रह जाए इसके लिए निगम ने तैयारियों शुरु कर दी हैं। इसमें शहर की करीब 204 किमी लंबी बड़ी सडकें और करीब 70 किमी लंबी डिवाइडर रोड यानि करीब 140 किमी दोनो तरफ से डिवाइडर रोड की स्पेशल मशीन द्वारा सफाई की जाएगी। शहर की सड़क और डिवाइडर रोड की सफाई के लिए निगम डिवाइडर स्वेपिंग मशीन का उपयोग करेगा। इस मशीन से एक दिन में करीब 45 से 46 किमी डिवाइडर रोड की सफाई होगी। इसके अलावा शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था को शतप्रतिशत करने के साथ साथ लोहियानगर और गांवडी में कूड़ा निस्तारण प्लांट का शिलान्यास इस बार निगम के लिए प्लस पाइंट साबित हो सकता है। जबकि गत वर्ष ये सुविधाएं नही थी।

तिमाही रिपोर्ट में लापरवाही पडेगी भारी

इस बार नगर निगम अगर कार्य प्रणाली में सुधार नहीं किया तो 2020 में होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में भी मेरठ को निराशा हाथ लग सकती है। इसके लिए अप्रेल माह से हर तीन की रिर्पोट निगम को पोर्टल पर अपडेट करनी थी लेकिन अभी तक निगम एक भी रिपोर्ट अपडेट नही कर सकता है। अब अंतिम समय में निगम योजना बनाने में जुट गया है।

इन में कट सकते हैं पाइंट

डोर-टू-डोर कलेक्शन का शत प्रतिशत ना होना

कूड़ा निस्तारण प्लांट का अभाव

शहर में जगह जगह कूडे़ का ढेर

गांवडी, लोहियानगर और मंगतपुरम में कूडे़ का पहाड़

शहर की सड़कों पर गडढे

शहर के सीवरलाइन और पेयजल व्यवस्था

स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए कवायद शुरु हो चुकी है प्रयास है इसबार हम पिछली कमियों को दूर कर अपने शहर को स्वच्छता में बेहतर साबित कर सकें। 2 अक्टूबर को बैठक में योजनाओं पर मंथन होगा।

ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त

Posted By: Inextlive