शताब्दी नगर में 18 हेक्टेयर भूमि पर संचालित होगा कॉर्पोरेशन डिपो

कॉरपोरेशन के प्रस्ताव पर समझौता, शासन से मिली मंजूरी

डिपो और स्टेशन बनाने के लिए हुआ जमीन का सर्वे

Meerut। मेरठ विकास प्राधिकरण की शताब्दीनगर योजना में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का डिपो और स्टेशन बनेगा। इसके लिए चिह्नित भूमि जल्द ही एनसीआरटीसी को हैंडओवर की जाएगी। शासन की ओर से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।

जमीन जल्द होगी हैंडओवर

आरआरटीएस के दिल्ली-मेरठ कॉरीडोर पर गाजियाबाद में निर्माण कार्य शुरू हो गया। वहीं मेरठ में निर्माण से पूर्व की प्रक्रिया को पूर्ण किया जा रहा है। स्टेशन और डिपो के लिए भूमि अधिग्रहण और हैंडओवर प्रक्रिया मेरठ में शुरू हो गई है। इस क्रम में सर्वप्रथम एमडीए की शताब्दीनगर योजना में डिपो को लेकर कॉर्पोरेशन ने वर्कआउट किया। करीब 18 हेक्टेयर भूमि में कॉर्पोरेशन डिपो का संचालन करेगा। जिसमें आरआरटीएस के वैगन खड़े होंगे और इंजन और वैगन का मेंटेनेंस होगा। कमिश्नर अनीता सी मेश्राम के निर्देश के बाद गत दिनों प्राधिकरण ने 18 हेक्टेयर भूमि शताब्दीनगर की सेक्टर 2 योजना में चिह्नित कर दी और मसौदा सरकार को भेज दिया था। वहीं सेक्टर 4 में करीब 2 हजार वर्ग मीटर जमीन को आरआरटीएस स्टेशन के लिए चिह्नित किया गया है। शासन की ओर से दोनों ही स्थानों पर जमीन को हैंडओवर कराने के लिए मंजूरी मिल गई है।

किराए की जमीन

जानकारी के मुताबिक सेक्टर 2 में किराए की 18 हेक्टेयर भूमि में एनसीआरटीसी डिपो का निर्माण कॉर्पोरेशन को ही कराना होगा। हालांकि आरआरटीएस स्टेशन के लिए 2000 वर्ग मीटर भूमि एनसीआरटीसी, एमडीए से परचेज करेगी। शहरी आवास एवं विकास विभाग की ओर से मंजूरी मिलने के बाद प्राधिकरण अब हैंडओवर को लेकर एनसीआरटीसी के साथ साझा मसौदा बनाएगा। जिसमें खरीदी जाने वाली जमीन के रेट्स, किराए के रेट्स आदि तय होंगे। गौरतलब है कि एनसीआरटीसी मेरठ में सर्वप्रथम एमडीए से कॉरीडोर के लिए जमीन का टेकओवर करेगी। चीफ टाउन प्लानर इश्तियाक अहमद ने बताया कि रेट्स तय होने के बाद शासन के निर्देश पर हैंडओवर, टेकओवर की प्रक्रिया शुरू होगी।

Posted By: Inextlive