ये अंधेरा कुछ कहता है..
ईईएसएल और निगम के विवाद में खराब पड़ीं स्ट्रीट लाइट्स
निगम ने रोका ढाई करोड़ का ईईएसएल का भुगतान ईईएसएल ने बंद किया स्ट्रीट लाइट्स की रिपेयरिंग का काम Meerut. शहर की सड़कों को रोशन करने का जिम्मा लेने वाली ईईएसएल कंपनी की सुस्ती अब शहर के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है. स्ट्रीट एलईडी लाइट सर्विस देने में असमर्थ ईईएसएल के खिलाफ लगातार शिकायतें और काम में सुधार न होने के कारण निगम ने ईईएसएल के करीब ढाई करोड़ के भुगतान पर रोक लगा दी है. जिस कारण से अब ईईएसएल ने शहर की सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइट की रिपेयरिंग व सर्विस बंद कर दी है. इस कारण से शहर के अधिकतर मार्गो पर स्ट्रीट लाइट बंद होने से अंधेरा पसरा हुआ है. फुंक रही स्ट्रीट लाइटईईएसएल की लापरवाही के कारण शहर की सड़कों पर लगी 90 प्रतिशत स्ट्रीट लाइट डायरेक्ट एलटी लाइन से जुड़ी हुई हैं. इन लाइट्स को कंट्रोल करने के लिए लगाया जाने वाला सीसीएमएस यानि सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल एंड मॉनिटरिंग सिस्टम अभी तक एजेंसी द्वारा नहीं लगाया गया है. इस लापरवाही पर अब निगम ने कार्यदायी संस्था ईईएसएल को फटकार लगाते हुए नोटिस जारी किया है.
दिन में भी जल रहीं स्ट्रीट लाइटदरअसल, निगम द्वारा शहर की सड़कों को रोशन करने के लिए ईईएसएल कंपनी को स्ट्रीट लाइट लगाने से लेकर मेंटिनेस और मॉनिटरिंग का काम दिया हुआ है. इस अनुबंध के तहत करीब 26 हजार लाइट्स को कंपनी द्वारा लगाया जाना था. जिसमें से अभी तक मात्र 6 हजार लाइट्स ही कंपनी द्वारा लगाकर इतिश्री कर दी गई. इसमें भी कंपनी द्वारा लापरवाही करते हुए अनुबंध में शामिल सीसीएमएस यानि सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल एंड मॉनिटरिंग सिस्टम नही लगाया गया. इस सिस्टम के न लगने के कारण शहर की अधितकर स्ट्रीट लाइट्स दिन में भी रोशन रहती हैं, जिससे निगम का बिजली का बिल लगातार बढ़ रहा है.
दो साल में पूरी नहीं हुई योजना इन योजना में अनुबंध के तहत 7 साल तक कंपनी को अपनी सर्विस देनी थी. मगर अनुबंध को दो साल बीत चुके हैं और अभी तक सीसीएमएस से स्ट्रीट लाइट्स को अपडेट नहीं किया गया है. इसके अलावा इन लाइट्स को कंट्रोल व अर्थिग देने के लिए जरुरी स्ट्रीट लाइट वायर ही अधिकतर लाइट्स से गायब हैं. स्ट्रीट लाइट वायर के बिना लाइटें सीधा एलटी लाइन से जोड़कर चलाई जा रही हैं. इससे लाइटें कम समय में ही खराब हो रही हैं.कंपनी अनुबंध के अनुसार काम नहीं कर रही है इसलिए नोटिस भेजा गया है. जब तक अनुबंध के अनुसार काम नहीं होगा भुगतान नहीं किया जाएगा. इसके बाद अनुबंध समाप्त करने की प्रक्रिया की जाएगी.
अमित कुमार, अपर नगरायुक्त