10 साल बाद के केस में कुलपति देंगे फाइनल एप्रुवल

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने लागू किया नया क्राईटेरिया

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने मार्कशीट में करेक्शन के लिए नियम तय कर दिए हैं। इविवि की परीक्षा समिति से निर्णय के बाद नए नियमो को लागू कर दिया गया है। विवि में मार्कशीट में करेक्शन के लिए अलग-अलग समयावधियों के लिए अलग-अलग नियम लागू किए गए हैं। यह जानकारी विवि के कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन प्रो। रामेन्द्र सिंह ने दी है। बता दें कि मार्कशीट में छात्र का नाम, पिता का नाम, माता का नाम, एनरोलमेंट नम्बर जैसी चीजों के लिए आवेदन आते हैं। ये नियम यूनिवर्सिटी और कॉलेज दोनों के लिए हैं।

ज्वाइंट रजिस्ट्रार की अहम भूमिका

विवि ने जो नए नियम बनाए हैं। उसमें कहा गया है कि यदि अभ्यर्थी ने प्रवेश के बाद और मार्कशीट जारी होने से पहले मार्कशीट में करेक्शन की मांग की है तो इसके लिए उसे केवल एक डाक्यूमेंट्री एविडेंस ही देना होगा। इसे काउंटर इंचार्ज और ज्वाइंट रजिस्ट्रार एग्जामिनेशन वेरिफाई करेंगे। यदि अभ्यर्थी ने पहली मार्कशीट जारी होने और कोर्स की पढ़ाई पूरी होने से पहले करेक्शन की मांग की है तो उसे जारी हुई पहली ओरिजनल मार्कशीट जमा करनी होगी। इसके साथ डाक्यूमेंट्री एविडेंस भी लगाना होगा। इसे ज्वाइंट रजिस्ट्रार एग्जामिन करेंगे और कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन से भी क्लीयर कराएंगे।

तो रिव्यू कमेटी का होगा गठन

नए नियमों में कहा गया है कि कोर्स की पढ़ाई पूरी होने के बाद और प्रवेश के 10 साल के अंदर करेक्शन के लिए पहले निर्धारित प्रोफार्मा पर एप्लाई करना होगा। इसे कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन द्वारा गठित रिव्यू कमेटी एग्जामिन करेगी। यदि कमेटी करेक्शन एलाउ करती है तो अभ्यर्थी को 100 रुपए पे करना होगा। यह भी तय किया गया है कि प्रवेश के 10 साल बाद करेक्शन के लिए रिव्यू कमेटी ऐसे आवेदनों को वाइस चांसलर को फाइनल एप्रुवल के लिए रिकमंड करेगी। ऐसे अभ्यर्थियों को भी 100 रुपए पे करना होगा। इसके बाद मार्कशीट में करेक्शन को फाइनल किया जा सकेगा।

मार्कशीट करेक्शन में परीक्षा विभाग, काउंटर इंचार्ज, जेआर एग्जामिनेशन के साथ ही डेटा सेंटर की भी अहम भूमिका होती है। यह काम अति महत्वपूर्ण और सावधानी वाला है। इसके लिए सभी को सख्त हिदायत दी गई है।

प्रो। रामेन्द्र सिंह, कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive