देहरादून

केदारनाथ, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए इस बार हेली सेवाओं के पहले टेंडर में ही झोल हो गया। यूकाड़ा ने दस दिन पहले टेंडर जारी किया, 4 फरवरी टेंडर डालने की आखिरी डेट रखी गई। लेकिन टेंडर के नियम-शर्तो में इतना झोल कर दिया कि कोई भी ऑपरेटर टेंडर डाल ही नहीं पाया.टेंडर में खामियों पर बवाल मचा तो आखिरी डेट के दो दिन पहले टेंडर की कुछ खामियां दूर कर कॉरिजेंडम (शुद्धिपत्र) निकालना पड़ा। टेंडर डालने की आखिरी डेट भी बढ़ानी पड़ी। अब 10 फरवरी टेंडर की आखिरी डेट है, लेकिन टेंडर में खामियों के चलते अभी भी हेली सर्विस ऑपरेटर्स इसे पूरा करने में असमर्थ लग रहे हैं।

इस बार तीन वर्ष के लिए टेंडर:

यूकाडा ने केदारनाथ, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए हर वर्ष टेंडर निकालने, कंपनियों को मनाने और हर बार विवादों से निपटने के लिए इस बार तीन वर्ष के टेंडर जारी किया है.जो भी हेली कंपनी टेंडर क्वालीफाई करेगी, वह अगले तीन वर्ष के लिए हेली सेवाऐं संचालित कर सकेगी। हालांकि इसके लिए हेली कंपनियां को एक शर्त पूरी करनी होगी। डीजीसीए से हर वर्ष नॉन शेड्यूल ऑपरेशन परमिट एनएसओपी लेकर जमा कराना होगा।

नो ड्यूज नहीं तो एलिजिबल नहीं:

टेंडर डालने वाली कंपनी को टिकट बुकिंग एजेंसी से नो ड्यूज लेकर जमा कराना होगा। पिछले वर्ष टिकट बुकिंग एजेंसी जीएमवीएन थी। जीएमवीएन ने सभी हेली कंपनियों को बुकिंग के हिसाब से पेमेंट कर दिया। बाद में हजारों यात्री या तो मौसम खराब होने के चलते उड़ नहीं पाए, या फिर हेली कंपनी टेक्नीकल या डॉक्यूमेंट्री फॉल्ट के चलने उन्हें हवाई सेवा का लाभ नहीं दे पाई। इस वजह से यात्रियों ने रिफंड मांग लिया। जीएमवीएन हेली कंपनियों को पेमेंट कर चुका था, इस बीच रिफंड के केसेज सामने आने लगे तो साख बचाने के लिए रिफंड करना पड़ा, जिसे हेली कंपनियों से वसूलना मुसीबत बन गया। लास्ट इयर जिन 9 कंपनियों को टेंडर मिला था, उनमें कई से जीएमवीएन अभी भी एक्स्ट्रा पेमेंट लेने के लिए भटक रहा है। हालांकि नियमों में सख्त प्रावधान करने के चलते हेली कंपनियों को जीएमवीएन से रिफंड लेना होगा।

पिछले वर्ष हो चुका हादसा:

केदारनाथ में पिछले वर्ष हेली से हादसा भी हो चुका। ऐसे में यूकाडा के लिए साफ छवि वाली कंपनियां जुटाना भी मुश्किल होगा। इसके अलावा भी पिछले वर्ष तीन हेली प्रदेश में अलग अलग जगह क्रेश या इमरजेंसी लैंडिंग की वजह से डेमेज हुए थे। ऐसे में इस वर्ष साफ छवि वाली कंपनियों को टेंडर देना फिलहाल मुश्किल लग रहा है।

अप्रैल में खुलेंगे कपाट:

बद्रीनाथ के कपाट खुलने की तिथि 30 अप्रेल घोषित हो चुकी है, ऐसे में केदारनाथ के कपाट उससे पहले खुलने हैं। हेली सेवा के टेंडर तो समय से जारी हो गए लेकिन देखना यह है कि साफ छवि और तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित यात्रा कराने की इस परीक्षा में कितनी कंपनियां पास हो पाएंगी।

Posted By: Inextlive