भारत सरकार के इटली की कंपनी से विवादित अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे मामले में इटली की अदालत ने एक बड़ा ऐलान किया है। अदालत ने माना है कि इसमें भारत के कुछ लोगों को रिश्वत दी गयी थी। इस दौरान अगस्टा वेस्टलैंड चॉपर कंपनी के प्रमुख ऊर्सी व हेलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनी फिनमेक्कनिका को घूस देने का दोषी करार दिया गया है।


भारतीय अधिकारियों को डॉलरअगस्ता विस्टलैंड हैलिकॉप्टर घोटाला मामले की सुनवाई कर रही इटली की अदालत ने अपने फैसले में माना है कि इस सौदे के दौरान भ्रष्टाचार हुआ और पूर्व नौसेना प्रमुख एस पी त्यागी इस भ्रष्टाचार में शामिल थे। मिलान की अदालत ने ने 225 पन्नों के अपने फैसले में कहा कि जांच में ये बात साबित हो गई है कि सौदे के दौरान 10-15 मिलियन डॉलर भारतीय अधिकारियों को दिए गए। अदालत ने अपने लिखित फैसले के 17 पन्नों में ये बताया है कि पूर्व नौसेना प्रमुख एस पी त्यागी किस तरह इस घोटाले का हिस्सा रहे। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि त्यागी के परिवार को घूस के पैसे कैश और वायर के जरिए दिए गए। इसमें त्यागी के तीन रिश्तेदार शामिल थे, जिनमें से एक खुद सेना का अधिकारी था। पेशी के लिए नहीं बुलाया गया
हालांकि पूर्व नौसेना प्रमुख को इटली की अदालत में पेशी के लिए नहीं बुलाया गया क्योंकि भारत में प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई त्यागी के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच कर रही हैं। अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में पूर्व वायूसेना प्रमुख का नाम सामने आने के बाद पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने कहा कि वर्तमान सरकार को सीबीआई जांच में तेजी लानी चाहिए और सच को सामने रखना चाहिए। एंटनी ने ये भी कहा कि उन्होंने इटली की अदालत में केस लड़ा और सारे पैसे वापस ले लिए जो उन्होंने इस डील के लिए दिए थे। वहीं एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक त्यागी ने अपने उपर लगे आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।आपको बता दें कि एस पी त्यागी साल 2005 से 2007 के बीच नौसेना प्रमुख थे जिस दौरान वायूसेना भवन में वीवीआईपी चौपर सौदा किया गया था।

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Posted By: Shweta Mishra