GORAKHPUR: डीडीयूजीयू के संवाद भवन में आयोजित साहित्य समागम देश में साहित्यिक जागरुकता के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यह बातें केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कही। वह डीडीयूजीयू के संवाद भवन में साहित्य समागम के समापन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने हर्षवर्धन फाउंडेशन को अगले वर्ष भी समागम में शामिल होने का आश्वासन दिया।

दो दिवसीय साहित्य समागम के दूसरे दिन की शुरुआत आधुनिक भारत के निर्माण में बंगाल के साहित्यकारों व समाज सुधारकों का योगदान विषय पर आयोजित पहले सत्र से की। इसमें डॉ। राम कुमार मखोपाध्याय और डॉ। पीके लहरी ने चर्चा में भाग लिया और श्रोताओं के सवालों के जवाब दिए। दूसरे सत्र में सुलभ हिन्दी साहित्य में गीता प्रेस का योगदान शीर्षक से आयोजित परिचर्चा में लालमनी तिवारी व महेश चन्द्र शर्मा ने भाग लिया और संचालन डॉ। फूलचंद प्रसाद गुप्ता ने किया। डॉ। लालमणि तिवारी ने कहा कि गीता प्रेस पर कोई आर्थिक संकट नहीं है। ऐसा प्रचार संस्था को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संस्था ने अभी तक 66 करोड़ से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन किया है। पहली बार साहित्य समागम में सेना व साहित्य पर चर्चा की गई। तीसरे सत्र में आयोजित इस परिचर्चा का विषय था सेना से प्रेरणा लेता व सेना को बल देता साहित्य। जिसमें परमवीर चक्र विजेता सूबेदार योगेन्द्र यादव, मेजर जनरल शिव जायसवाल व वीपीएस चौहान ने भाग लिया जिसका संचालन सुप्रिया श्रीनेत ने किया। सूबेदार योगेन्द्र सिंह यादव ने कारगिल युद्ध से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। शाम को कवि सम्मेलन व मुशायरे एक ही सिक्के के दो पहलू परिचर्चा में नवाब मीर जाफर अब्दुल्ला, अभिनेता राजा बुंदेला व कनक रेखा चौहान ने परिचर्चा में भाग लिया। संचालन कवि मनीष शुक्ला ने किया। अंतिम सत्र छात्र संघ की गैरमौजूदगी से समाज और साहित्य पर प्रभाव पर चर्चा में राजमनी पाण्डेय, विश्वकर्मा द्विवेदी, शीतल पाण्डेय, राम सिंह व राधेश्याम सिंह ने भाग लिया। संचालन हर्षवर्धन फाउंडेशन के अध्यक्ष आनन्द वर्धन सिंह ने किया। मेयर सीताराम जायसवाल ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे शहर को नई दिशा मिलेगी। कवि सम्मेलन व मुशायरे में डॉ। कुंवर बेचैन, कलीम कैसर, सरिता शर्मा, शाइस्ता सना, मनीष शुक्ला, खुशवीर सिंह आदि ने हिस्सा लिया, संचालन शिव ओम अम्बर ने किया।

Posted By: Inextlive