डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट नवजात की एक आंख ही नहीं बनी

नाक में भी दो की जगह तीन छेद, गंभीर हालत में एनआईसीयू में इलाज

BAREILLY:

घर में दूसरे बेटे के जन्म ने मानो पूरे परिवार को ही सारे जहां की खुशियां दे दी। लेकिन यह खुशी ज्यादा देर तक न टिकी। मासूम को सीने से लगाने की हसरतें ठिठक गई। बच्चे की आंखें बंद थी, लेकिन उसकी नाक में दो नहीं तीन छेद थे। घबराहट के मारे डॉक्टर से पूछा। डॉक्टर ने जांच की तो एक और झटका लगा। बच्चे की दायीं आंख नहीं बनी थी। वहीं नाक के बाएं छेद के अंदर भी एक छेद है। यह जानकर मां-बाप का दिल ही बैठ गया। बच्चे की हालत सांस कमजोर होने से गंभीर थी और वजन कम। पिता डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल लेकर पहुंचा। यहां बच्चा वार्ड के एनआईसीयू में मासूम को एडमिट कर इलाज दिया जा रहा।

रुबेला वायरस बना जिम्मेदार

भोजीपुरा के बिलवा निवासी इस्माइल खान की फल की दुकान है। उनकी वाइफ तरन्नुम की फ्राइडे सुबह भोजीपुरा सीएचसी में नॉर्मल डिलीवरी हुई। इनका ढाई साल का पहला बेटा है। लेकिन दूसरे बेटे की खुशी पर किस्मत ने चोट कर दी। सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉ। रवि खन्ना ने बताया कि मासूम की इस बीमारी के लिए रुबेला वायरस जिम्मेदार है। यह वायरस प्रेग्नेंट महिलाओं को गर्भ के तीन माह में ही अपना निशाना बना देता है। जिससे नवजात इंट्रायूट्राइन इंफेक्शन या टॉर्च कॉम्पलैक्स की चपेट में आ जाता है। इसमें चेहरे के अंगों का विकास नहीं हो पाता। वहीं क्रोमोजिक डिसऑर्डर के चलते भी यह स्थिति आती है। इससे तीन दिन पहले भी इसी रोग से पीडि़त एक नवजात को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था।

Posted By: Inextlive