परिषदीय स्कूलों को दीवारों पर अब लिखना होगा बजट का लेखा-जोखा
- उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तीन वित्तीय वषरें में खर्च धनराशि का करना होगा उल्लेख
- बीएसए को दिया गया आदेश LUCKNOW : प्राथमिक स्कूलों में होने वाले खर्च की धनराशि का ब्यौरा अब सार्वजनिक करना होगा। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों को व्यय रुपए के लेखा.जोखा का उल्लेख विद्यालय की दीवारों पर कराने का आदेश दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 व 2019-20 में बाउंड्रीवाल, फर्नीचर, बिजली, पंखे, ड्रेस, खेलकूद, कंपोजिट ग्रांट आदि मद में उपलब्ध कराई गई धनराशि के व्यय का ब्यौरा दीवार पर लिखना होगा। अभिभावकों ने नहीं पता कितना बजट हो रहा खर्चसरकार परिषदीय स्कूलों की व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए हर साल लाखों रुपये का बजट देती है। यह धनराशि विद्यालय प्रबंध समिति विभिन्न मदों में खर्च करती है। वित्तीय वर्ष के समापन पर प्रधानाध्यापक इसका उपभोग प्रमाण पत्र प्रस्तुत करते हैं। लेकिन, अभिभावक बजट व उसके खर्च का पता नहीं चल पाता है। अक्सर वह इस पर सवाल भी खड़े करते हैं। इसके दृष्टिगत विभाग ने विद्यालय की बाहरी दीवार पर स्कूल को मिले धन व उसके खर्च का विवरण लिखवाने को कहा है।
पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया कदमदीवार पर बजट के खर्च का उल्लेख होने से पारदर्शिता आएगी। शासन स्तर से आवंटित धन के खर्च में अनियमितता की गुंजाइश कम होगी। किसी को स्कूल पर खर्च होने वाले धन को जानने के लिए जनसूचना मांगने की जरूरत नहीं रहेगी बल्कि, वह स्कूल जाकर ही जान सकेगा। इससे लोगों को आरटीआई देने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। बीएसए अमरकांत सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से आदेश आए हैं, स्कूल के खुलते ही जारी करवा लिया जाएगा। पेंटर बुलवाकर दीवारों पर बजट का लेखा लिखा जाना है। सभी परिषदीय विद्यालयों में इन्हें लागू किया जाएगा जिससे पारदर्शिता आएगी।