- नाला निर्माण को लेकर अब वार्ड नं 35 और वार्ड नं 66 के पार्षद आमने-सामने

- वार्ड नं 35 के नाला निर्माण पर वार्ड नं 66 के पार्षद ने लगाया रोक

- अभी वार्ड नं 25 और वार्ड नं 29 में था विवाद

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: सिटी में इन दिनों हो रहा नाला निर्माण पार्षदों के बीच झगड़े की वजह बन गया है। एक पार्षद के प्रस्ताव पर नाला निर्माण कार्य शुरू होता है और वह नाला जैसे ही दूसरे वार्ड के हिस्से में पहुंचता है, दूसरा पार्षद रोक लगा देता है। कुछ इसी तरह का मामला वार्ड नं 25 जनप्रिय विहार कॉलोनी और वार्ड नं 29 हुमायूंपुर में चल रहा है। इसी बात को लेकर ट्यूज्डे को वार्ड नं 25 की पार्षद रेखा देवी वर्मा और उनके प्रतिनिधि ऋषि मोहन वर्मा ने धरना प्रदर्शन किया। वहीं वार्ड नं 29 की पार्षद रंजुला रावत ने नगर निगम के अफसरों को बुलाकर मौके का निरीक्षण किया। मौके पर पहुंची पुलिस और अफसरों की टीम दोनों पार्षदों की बात सुनने के बाद ठेकेदार को दो दिन तक काम बंद रखने का आदेश दे दिया।

अफसरों के निरीक्षण के बाद काम बंद

नगर निगम के निर्माण विभाग के इंजीनियर पहले नाला निर्माण की योजना बनाते हैं और जैसे ही उसका कोई पार्षद टेक्निकल विरोध करता है, जांच के नाम पर काम रोक देते हैं। कुछ इसी तरह का काम वार्ड नं 25 जनप्रिय विहार कॉलोनी और वार्ड नं 29 हुमायूंपर के बीच हो रहे नाला निर्माण का है। गोरखनाथ थाने से जनप्रिय विहार कॉलोनी तक चौड़े हो रहे नाला के काम की स्वीकृति नगर निगम ने दी और नाला निर्माण का काम शुरू हुआ। ट्यूज्डे को इस नाला के निर्माण को रोकने के लिए वार्ड नं 25 की पार्षद रेखा देवी वर्मा ने धरना शुरू कर दिया। इसपर नगर निगम के इंजीनियर ने जांच के नाम पर काम रोक दिया।

यहां भी वही मामला है

तीन माह पहले वार्ड नं 35 के निरंकारी भवन से होते हुए सूरजकुंड सब्जी मंडी तक एक नाले का टेंडर निकला। यह नाला वार्ड नं 35 से शुरू होता है और वार्ड नं 66 में बड़े नाले में मिल जाता है। लगभग ढाई माह पहले इस नाले का काम भी शुरू हो गया। नाला खोदाई जैसे ही वार्ड 66 के हिस्से में पहुंचा, वार्ड नं 66 के पार्षद ने आकर रोक लगा दी। वार्ड नं 35 के पार्षद जुबैर अहमद ने बताया कि वार्ड नं। 66 के पार्षद मोहन सिंह ने नाला निर्माण का कार्य रोक दिया है और कहा है कि यह वार्ड नं 35 का नाला है तो उसी में बहे, वार्ड नं 66 में नहीं बहना चाहिए। वहीं मोहन सिंह का कहना है कि इस नाले से वार्ड नं 35 का पानी निकलेगा तो उसी वार्ड में बनेगा। उनका कहना है कि रोड 35 में पड़ता है और पटरी वार्ड 66 में पड़ती है। रोड पतली है, ऐसे में वह बिना बताए मेरे वार्ड के हिस्से में नाला बनाने लगे। मैंने विरोध नहीं किया है, बल्कि पब्लिक ने विरोध किया है।

कमीशन और श्रेय का है खेल

नगर निगम में कोई भी कार्य दो ही मकसद से होते हैं। एक खुद श्रेय लेने के लिए तो दूसरा कमीशन के लिए। वर्तमान समय में जिन नालों को लेकर पार्षद आमने-सामने हुए हैं। उनको भी लेकर नगर निगम में अलग-अलग चर्चा होने लगी। कुछ लोग इस मामले में हो रहे विवाद को कमीशन का खेल बता रहे हैं तो कुछ लोग श्रेय लेने की होड़ में रुकावट बनने का काम बता रहे हैं। इन पार्षदाें की आपसी लड़ाई में चाहें जो भी हो, लेकिन पब्लिक को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

दो पार्षदों के मामले को सुना जा रहा है, दो दिन काम बंद रखकर जांच की जा रही है। जांच होने के बाद दो दिन में काम शुरू हो जाएगा।

एसके केसरी, चीफ इंजीनियर नगर निगम

Posted By: Inextlive