नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल को किसी पार्टी की सीमा से ऊपर सभी की साझा विरासत बताते हुए कहा कि देश को पटेल वाली धर्मनिरपेक्षता की ज़रूरत है.


नरेन्द्र मोदी सरदार पटेल की लौह-प्रतिमा के उद्घाटन के मौक़े पर बोल रहे थे.गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार  नरेन्द्र मोदी और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की लोहे की विशालकाय  'स्टैचू ऑफ़ यूनिटी' के निर्माण की नींव रखी.31 अक्तूबर को ही सरदार पटेल की जयंती भी है.आडवाणी और मोदी दोनों ने सरदार पटेल को आज़ादी के बाद भारत के एकीकरण का श्रेय दिया.मोदी ने पटेल, बाबा साहेब अंबेडकर, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को साझी विरासत का हिस्सा बताते हुए कहा, "दल कोई भी हो, दिल देश का होना चाहिए."'धर्मनिरपेक्षता'नरेंद्र मोदी ने सरदार सरोवर परियोजना में हो रही देरी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया.


मोदी ने प्रधानंत्री  मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि वो प्रधानमंत्री की इस बात से सहमत हैं कि सरदार पटेल धर्मनिरपेक्ष थे.मोदी ने कहा, "देश को सरदार पटेल वाला सेक्युलरिज़्म चाहिए. सोमनाथ का मंदिर बनाते हुए उनका सेक्युलरिज़्म आड़े नहीं आया."मोदी ने सरदार सरोवर परियोजना में हो रही देरी के लिए भी केंद्र की कांग्रेस सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया.मोदी ने अपने भाषण में बार-बार जाति, क्षेत्र समेत तमाम तरह की एकता पर जोर दिया.

मोदी ने किसानों से प्रयोग किए गए पुराने औज़ारों को पटेल की प्रतिमा के लिए दान देने के लिए कहा.गुजरात सरकार का दावा है कि 182 मीटर ऊंची मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होगी और अमरीका के मशहूर ‘स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी’ से भी ऊंची होगी.ये मूर्ति सरदार सरोवर बांध से 3.32 किलोमीटर दूर साधु बेट नाम के टापू पर स्थापित की जाएगी.नरेंद्र मोदी के इस कार्यक्रम को साल 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर उनकी तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है.

Posted By: Subhesh Sharma