Bareilly : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर कोर्ट कमिश्नर ने ट्यूजडे को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का दौरा किया. खुले में फैले कूड़े समेत उन्हें वहां तमाम खामियां मिलीं. कोर्ट कमिश्नर ने प्लांट में ही नहीं बल्कि हाइवे पर जगह-जगह गिराए गए कूड़े को भी नोटिस किया. कोर्ट कमिश्नर ने इंस्पेक्शन के बाद रिपोर्ट भी तैयार की. मानकों के उलट प्लांट में कूड़ा डंप करने की कंडीशन ट्रिब्यूनल में मेयर और नगर आयुक्त के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है. यही नहीं सुप्रीमकोर्ट में अपील करने जा रहे निगम को एक और झटका भी दे सकती है.


petitioner भी पहुंचेट्रिब्यूनल में नगर निगम के खिलाफ अपील दायर करने वाले पेटिशनर, इंवर्टिस के चांसलर उमेश गौतम, रेयांस संस्था के सचिव प्रणब द्विवेदी और ज्योति मिश्रा भी प्लांट में पहुंचे। वहीं नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। आरएन गिरी, कूड़ा डंप करने वाली नोएडा की कार्यदायी संस्था एकेसी डेवलपर्स के पीआरओ रणवीर सिंह, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफिसर आरके त्यागी भी इस मौके पर मौजूद रहे। दिन में 2:45 बजे प्लांट में पहुंचे कोर्ट कमिश्नर ने 4 बजे तक हर छोर का जायजा लिया। 4:15 बजे तक हाइवे के किनारे नवीन उपमंडी स्थल नरियावल और 4:45 बजे बाकरगंज ट्रंचिंग ग्राउंड का दौरा किया।Processed waste में plastic


कोर्ट कमिश्नर ने प्लांट में कूड़ा डंप करने से लेकर उससे खाद बनाए जाने की सारी    प्रोसेस देखी। रॉ वेस्ट से प्लास्टिक पॉलीथिन को अलग कर दूसरे डंपशेड में भेजा जाता है, लेकिन प्रोसेस्ड कूड़े में प्लास्टिक और पॉलीथिन की भरमार थी। खाद में प्लास्टिक या पॉलीथिन का होना, एनवायरमेंट के लिए काफी खतरनाक है। प्लांट से लगती इंवर्टिस यूनिवर्सिटी और महाराजा अग्रसेन डिग्री कॉलेज की दीवारों तक खुले में कूड़ा फैला था। कोर्ट कमिश्नर को इस तरह के और भी कई लूपहोल्स मिले, जिन्हें उन्होंने अपनी रिपोर्ट में दर्ज किया। खुले में पड़े कूड़े को लेकर कोर्ट कमिश्नर ने कार्यदायी संस्था के पीआरओ और नगर स्वास्थ्य अधिकारी से तमाम सवाल किए, जिनका सेटिसफैक्टरी जवाब नहीं मिला।Plant की photographyकोर्ट कमिश्नर ने प्लांट के कोने-कोने की फोटोग्राफी करवाई। उन्होंने प्लांट के रिकॉड्र्स को जांचा। इसके बाद 30 मार्च 2013 से लेकर मई 2013 तक के तमाम ब्यौरों की फोटोकॉपी अवेलेबल कराने के निर्देश दिए। कोर्ट कमिश्नर ने रिपोर्ट पर पेटिशनर्स, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी और कार्यदाई संस्था के पीआरओ के सिग्नेचर लिए।  Plant में 5000 ton कूड़ा ट्रिब्यूनल ने 18 जुलाई के आदेश में निगम को प्लांट से सारा कूड़ा हटाने और नया कूड़ा डंप न करने को कहा था। इसके लिए 4 हफ्ते का समय दिया था। 15 अगस्त को ये डेडलाइन खत्म हो रही है, लेकिन प्लांट में अब भी करीब 5000 टन कूड़ा है। ट्यूजडे को दो जेसीबी मशीन और दो ट्रॉली से कूड़ा उठाया जा रहा था। इसे देखकर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफिसर टाइम पर कूड़ा न हटा पाने की संभावना जता चुके हैं।

'नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से मैं प्लांट से जुड़े 4 मुद्दों की प्रेजेंट स्थिति देखने आया हूं। इसमें प्लांट में कूड़े की स्थिति, यहां से हटाए जा रहे कूड़े की प्रोग्रेस, निगम की ओर से बनाए गए मौजूदा डंपिंग ग्राउंड की स्थिति और हाइवे सहित 6 जगहों पर फेंके जा रहे कूड़े की असलियत परखना है। प्लांट की फोटोग्राफी करवाई गई है। ट्रिब्यूनल में जल्द ही रिपोर्ट पेश की जाएगी। '- नवीन चावला, कोर्ट कमिश्नर

Posted By: Inextlive