पंकज जौली को दिया दो हफ्ते का समय
- आर्मी कमांडर ने कैंट बोर्ड की कार्रवाई को सराहा
- 1.15 एकड़ में किया हुआ है अवैध निर्माण Meerut : मेरठ कैंट के सबसे विवादित बंगलों में से एक ख्ख् बी की जीओसी इन सी की सुनवाई में कैंट बोर्ड की अब तक की सुनवाई को आर्मी कमांडर ने काफी सराहना की। साथ ही कैंट बोर्ड के पक्ष को देखकर आर्मी कमांडर ने ख्ख् बी में अवैध निर्माणकर्ता को इसका जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। कमांडर के सामने हुए पेशख्ख् बी के मामले में लखनऊ स्थित आर्मी कमांडर के सामने कैंट बोर्ड के अधिकारी पेश हुए। उन्होंने अपने पक्ष के सभी डॉक्यूमेंट को लेफ्टिनेंट जनरल राजन बख्शी के सामने पेश पेश किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार ख्ख् बी पर हुई कार्रवाई पर आर्मी कमांडर ने कैंट बोर्ड की तारीफ की। साथ ही पंकज जौली एंड पार्टी को दो हफ्तों का समय दे दिया।
कर दिया था दावा खारिजकैंट बोर्ड ने पूर्व में पीपी एक्ट में केस की सुनवाई भी की थी और कब्जेदार के दावों को खारिज कर दिया था। इसके बाद ही कब्जेदार की ओर से जीओसी-इन-सी के पास अपील की गई थी। इधर, बंगले में कब्जेदार पंकज जॉली का लगातार यही दावा रहा है कि यह आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने कोई अवैध निर्माण नहीं किया, केवल मरम्मत की है। उन्होंने कैंट बोर्ड के नोटिस दिए जाने पर भी सवाल उठाया था।
कैंट बोर्ड की नजर में ख्ख्बी में गलत क्या है? - लगभग क्.क्भ् एकड़ भूमि पर कब्जेदार ने अवैध निर्माण किया। - मूल रूप से एक मंजिला इस भवन को दो मंजिला में परिवर्तित कर दिया है। कैंट बोर्ड की नजर में खामियों की तस्वीर सहित रिपोर्ट मध्य कमान को भेज दी गई है। - बंगले का उद्देश्य परिवर्तन, आवासीय से व्यावसायिक में परिवर्तन - समग्र बिल्डिंग ही अवैध निर्माण की श्रेणी में है - स्वीमिंग पुल का निर्माण - रेस्तरां का निर्माण - सैलून का संचालन - बंगले में ख्8 कमरे का निर्माण - कांफे्रंस हॉल, लॉबी, टॉयलेट, बाथरूम, सीढ़ी, किचन - पंकज जॉली बंगले के अवैध कब्जेदार हैं। बंगले में मालिकाना हक को लेकर उनकी हैसियत और स्टेटस क्लीयर नहीं है। आर्मी कमांडर ने कैंट बोर्ड की प्रशंसा की है। पूरे डॉक्यूमेंट पढ़ने के बाद उन्होंने अपोजिट पार्टी को जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। - एमए जफर, पीआरओ, कैंट बोर्ड