कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम को लेकर दिल्ली सरकार के बैन के खिलाफ शाहीन बाग में सैकड़ों प्रदर्शनकारी इकट्ठे हो कर नारेबाजी कर रहे हैं। धरने में शामिल लोगों का कहना है कि सरकार धरना खत्म करके सीएए से ध्यान बंटाना चाहती है। उन्हें धरना खत्म करने की बजाए यहां हैंड सेनेटाइजर और मास्क भेजने चाहिए।

नई दिल्ली (पीटीआई) दिल्ली सरकार के बैन के खिलाफ शाहीन बाग में सैकड़ों प्रदर्शनकारी सोमवार को जमे रहे। कोरोना वायरस महामारी फैलने के लिहाज से दिल्ली सरकार ने मार्च तक 50 लोगों के एकसाथ कहीं भी इकट्ठे होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। नौजवान और काॅलेज स्टूडेंट शाहीन बाग में इकट्ठे हो गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। वे फैज अहमद फैज की नज्में पढ़ रहे थे और एकजुटता व इंकलाब के नारे लगा रहे थे। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में सोमवार को धरने का 93वां दिन था।

सरकार सीएए से बंटाना चाहती है ध्यान

शाहीन बाग की रहने वाली सीमा ने कहा कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को धरना खत्म करने के लिए कहने की बजाए यहां लोगों की खातिर हैंड सेनेटाइजर और मास्क भेजने चाहिए थे। लेकिन उन्होंने यहां के लोगों के लिए कुछ नहीं किया। सरकार सीएए से लोगों का ध्यान बंटाना चाहती है। कनीज फातिमा, जिनका दावा है कि वे यहां पहले दिन से धरने पर बैठी हैं, यदि सरकार लोगों की सुरक्षा और भला चाहती है तो सीएए खत्म करे। ऐसा होते ही हम तुरंत धरना खत्म कर देंगे।

50-50 के ग्रुप में कुछ दूरी पर बैठ कर देंगे धरना

अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर एक अन्य महिला ने कहा कि यहां प्रदर्शन जारी रहेगा। भले ही दिल्ली सरकार ने प्रतिबंध लगाया हो। यहां काफी जगह है लोग 50-50 के ग्रुप में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर धरने में बैठेंगे। उनका कहना था कि हर हाल में यहां धरना जारी रहेगा। कोविड-19 की रोकथाम को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में 31 मार्च तक धार्मिक, पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक या सांस्कृतिक किसी प्रकार की भीड़भाड़ वाली गतिविधियां नहीं होंगी जिसमें 50 से ज्यादा लोग शामिल हों।

बैन शाहीन बाग और जामिया मीलिया इस्लामिया पर भी

केजरीवाल ने संकेत दिया कि यह बैन शाहीन बाग और जामिया मीलिया इस्लामिया के बाहर इकट्ठे प्रदर्शनकारियों पर भी लागू हाेगा। इन स्थानों पर सिटिजंस अमेंडमेंड एक्ट (सीएए) और नेशनल पाॅपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ 15 दिसंबर से लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन की शुरुआत से शामिल रहे सैयद तासीर अहमद ने कहा कि यहां विरोध जारी रहेगा। हम कहीं नहीं जा रहे हैं। यह प्रदर्शन सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक है। दिल्ली सरकार क्या कह रही है यह मुमकिन नहीं है। 23 मार्च को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद है, यहां के लोग वही फैसला मानेंगे।

Posted By: Satyendra Kumar Singh