केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि देश में साल के अंत तक कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन आ जाएगी। कोविड-19 की तीन वैक्सीन इस समय टेस्टिंग से गुजर रही हैं। इसमें एक वैक्सीन टेस्टिंग के तीसरे फेज में पहुंच चुकी है।

नई दिल्ली (आईएएनएस)। कोरोना वायरस संकट के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को एक बड़ी राहत भरी बात कही। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगले 4-5 महीनों में एक कोविड-19 वैक्सीन के आने की पूरी संभावना है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि मुझे उम्मीद है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत में 2020 के अंत तक कोरोना वायरस वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 की तीन वैक्सीन इस समय टेस्टिंग से गुजर रही हैं। इसमें एक ने तीसरे फेज में एंट्री कर ली है।

कब तक आएगी #कोरोना की #vaccine ?
पत्रकारों के इस सवाल पर मैंने उम्मीद जताई कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत इस साल के आखिर तक #coronavaccine हासिल कर लेगा। @MoHFW_INDIA @CSIR_IND @NDRFHQ pic.twitter.com/zqAxftKUdt

— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) August 22, 2020


वैक्सीन के नाम का खुलासा नहीं किया
इस संबंध में नेशनल टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल के अनुसार तीसरे चरण में प्रवेश करने वाले वैक्सीन कैंडिडेट ने अपने परीक्षण के प्रारंभिक चरणों में उत्साहजनक परिणाम प्राप्त किए हैं। पॉल ने कहा कि अन्य दो वैक्सीन वर्तमान में अपने पूर्व-नैदानिक? परीक्षणों के चरण एक या दो में हैं। हालांकि इस दाैरान उन्होंने वैक्सीन के नामों का खुलासा नहीं किया लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि तीसरे चरण में प्रवेश करने वाली वैक्सीन भारत बायोटेक की को-वैक्सीन है। इस वैक्सीन को ही भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर विकसित किया गया है।
29 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए
वहीं कल शनिवार को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा था कि भारत में बेशक कोरोना वायरस से 29 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हो लेकिन अब तक 22 से अधिक मरीज ठीक भी हो चुके हैं। कोविड 19 की वजह से सबसे कम मृत्यु दर है, यह संभवत दुनिया में सबसे अच्छा रिकवरी रेट है। डाॅक्टर हर्षवर्धन के मुताबिक विशेषज्ञों ने माैतों का आंकड़ा 300 मिलियन तक पहुंचने का जो दावा किया था, परिणाम उसके विपरीत हैं। जुलाई-अगस्त तक पांच-छह मिलियन मौतें हुईं। भारत में तीन मिलियन से भी कम मामले हैं। इसमें 2.2 मिलियन पहले ही ठीक हो चुके हैं।

Posted By: Shweta Mishra