आवेदकों को अब गो संरक्षण मद में आर्थिक योगदान देना होगा.

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शस्त्र लाइसेंस की चाहत रखने वालों की जेब पर अतिरिक्त भार

रोक हटने के बाद अभी तक जारी नहीं हुआ एक भी लाइसेंस

vineet.tiwari@inext.co.in
PRAYAGRAJ: लाइसेंस की चाहत रखने वालों की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ने जा रहा है. आवेदकों को अब गो संरक्षण मद में आर्थिक योगदान देना होगा. इस मद को शस्त्र लाइसेंस लेने में लगने वाले शुल्क में शामिल किया गया है. इसके अलावा डीएचओ यानी डिस्ट्रिक्ट हार्टीकल्चर ऑफिस के लिए भी फीस देना पडे़गी. इतना जमा किए जाने के बाद ही आपको नया लाइसेंस दिया जाएगा.

पांच की जगह सात मद हुए
शस्त्र लाइसेंस लेना और इसे रिन्यूवल कराना पहले से अधिक महंगा पहले ही हो चुका है. इसकी फीस बढ़ने के बाद लोग परेशान थे कि अब सरकार चाहती हैं कि असलहे का शौक पालने वाले गौसंरक्षण मद में भी अपना योगदान दें. इस तरह से पहले जहां पांच तरह का मद लिया जाता था वह अब बढ़कर सात हो गया है. इन दोनों मदों में प्रत्येक व्यक्ति से अब 2500-2500 रुपए वसूले जाने हैं.

पहले से सतर्क है सरकार
गौसंरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे को लेकर सरकार पहले से सतर्क है. फिर भी आए दिन गौवंश की बदहाली के मामले सामने आते रहते हैं. इस पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने गौसंरक्षण मद के रूप में नई व्यवस्था लागू की है. इस मद से गौवंश के रखरखाव में यूज किया जाएगा.

47000

जिले में लाइसेंसी असलहे

100

आवेदन रोक हटने के बाद हुए

40

में रिपोर्ट लगाई गई

असलहे के लिए लगी है लंबी लाइन
जबसे प्रदेश सरकार ने असलहा लाइसेंस पर लगी रोक हटाई है, आवेदन करने वालों की कतार लग गयी है. रोजाना भारी संख्या में आवेदन असलहा आफिस से लिए जा रहे हैं. बड़ी संख्या में फाइलें थानों और सर्किल आफिसों के चक्कर काट रही हैं. लोकसभा चुनाव की वजह से आचार संहिता लगने से कई फाइले कंप्लीट होने के बावजूद डीएम कार्यालय नही पहुंचीं. अब इनके फाइनल होने की उम्मीद की जा रही है.

पहले से बढ़ा है ये शुल्क

नए आवेदन में स्टांप शुल्क

रिवाल्वर- 2000

रायफल- 1500

शॉट गन- 1000

कितना लग रहा शुल्क

एक नली बंदूक- 800

रिवाल्वर- 1000

रायफल- 1000

लेट फीस

निर्धारित टाइम के भीतर- 1500

निर्धारित टाइम बीतने के बाद- 2000

रिनीवल फीस- 1500

गौसंरक्षण और डीएचओ मद- 2500 रुपए

सरकार के आदेश को लागू कराना हमारा काम है. लाइसेंस के लिए फॉर्मेलिटी पूरी होने के बाद शुल्क जमा कराया जाता है. तब तक सरकारी की पूरी गाइड लाइन भी आ जाएगी कि किस मद में कितना टैक्स वसूल किया जाना है.

-एके कनौजिया,

एडीएम सिटी

Posted By: Vijay Pandey