जनवरी में औद्योगिक उत्‍पादन की वृद्धि दर बढ़कर 7.5 फीसदी पर पहुंच गई वहीं फरवरी में महंगाई दर घट कर 4.4 प्रतिशत रह गई है। औद्योगिक उत्‍पादन की रफ्तार बनाए रखने के लिए मांग की जा रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक अपनी नीतिगत दरों में कटौती करे। आरबीआई 5 अप्रैल को अपनी क्रेडिट पॉलिसी की समीक्षा करेगा।


ईधन और खाने-पीने की चीजें सस्तीकेंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में खुदरा महंगाई दर घटकर चार महीने में सबसे कम 4.4 प्रतिशत पर पहुंच गई। महंगाई दर में कमी ईंधन और खाने की पीने की चीजों की कीमतों में कमी आने की वजह से दर्ज की गई। उपभोक्ता महंगाई दर जनवरी में 5.07 प्रतिशत थी। इसी महीने पिछले वर्ष यानी फरवरी 2017 में यह दर 3.65 प्रतिशत थी। सब्जियों की महंगाई जनवरी में 26.97 प्रतिशत थी जो गिरकर फरवरी में 17.57 प्रतिशत रह गई। इसी तरह फलों की महंगाई भी 6.24 प्रतिशत से गिर कर 4.80 प्रतिशत रह गई।औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर बढ़ी
जनवरी में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर में उछाल देखने को मिला। इस महीने इसकी विकास दर 7.5 प्रतिशत दर्ज की गई। यह एक वर्ष पहले इसी महीने में 3.5 प्रतिशत रही थी। जानकार बता रहे हैं कि उपभोक्ता और पूंजीगत वस्तुओं की मांग बढ़ने से यह बढ़ोतरी दर्ज किया गया है। सीएसओ के आंकड़ों पर गौर करें तो दिसंबर में उद्योगों के उत्पादन की विकास दर 7.1 प्रतिशत थी। क्रिसिल का मानना है कि लगातार दूसरे महीने आईआईपी में बढ़ोतरी इस बात की ताकीद करता है कि उद्योग जीएसटी की मार से उबर चुका है। यही वजह है कि इस सेक्टर में ग्लोबल और घरेलू बढ़ोतरी देखी जा रही है। ऐसा ही चलता रहा तो धीरे-धीरे सब पटरी पर आ जाएगा।

Posted By: Satyendra Kumar Singh