Crash diet: Not an ideal solution
क्रैश डायट का मतलब ऐसी डायट से है जिससे करीब एक हफ्ते के अंदर वेट लॉस हो जाए. क्रैश डायट का सीधा कनेक्शन है बॉडी में कैलोरी का इंटेक कम कर देने से.नई दिल्ली में डायटीशियन दीपिका मलिक क्रैश डायटिंग को बिल्कुल ही अवॉयड करने की सलाह देती हैं. उनके अकार्डिंग क्रैश डायटिंग के आफ्टर इफैक्ट्स काफी डेन्जरस होते हैं.
क्रैश डायटिंग से शुरू में भले ही तेजी से वेट लॉस हो लेकिन कुछ वक्त के बाद बॉडी स्टार्वेशन मोड में चली जाती है और बॉडी फैट स्टोर करके मसल्स को बर्न करने लगती है, नतीजा फैट कम करना मुश्किल हो जाता है. मसल्स आपकी बॉडी को लीन लुक देते हैं जोकि फैट नहीं कर सकता.
मसल लॉस होने से बॉडी में कैलोरीज कम हो जाती है जिसकी वजह से बॉडी का मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है. यह वेलनोन फैक्ट है कि स्लो मेटाबॉलिज्म मोटापे के लिए जिम्मेदार होता है.
क्रैश डायटिंग से आपके इमोशनल और मेंटल हेल्थ पर भी काफी असर पड़ता है. क्रैश डायटिंग से ना सिर्फ आपके अंदर फूड क्रेविंग की प्रॉब्लम क्रिएट होती है बल्कि मूड स्विंग्स और इरिटेशन भी होने लगती है.
क्रैश डायटिंग का सबसे ज्यादा अफेक्ट आपके बालों पर पड़ता है. बाल बेजान हो जाते हैं और जल्दी झडऩे लगते हैं. विटामिन्स और मिनरल्स की कमी से बालों को पोषण नहीं मिलता और बालों के साथ-साथ नाखून और स्किन का कलर भी डल हो जाता है.