व्हॉइट बॉल क्रिकेट में कोहली और रोहित में कौन बेहतर है। इसको लेकर काफी समय से बहस चल रही है। हाल ही में पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने माना कि इस रेस में रोहित विराट से आगे हैं।

नई दिल्ली (पीटीआई)। भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को लगता है कि रोहित शर्मा भारतीय कप्तान विराट कोहली की तुलना में सफेद गेंद के क्रिकेट में अधिक प्रभाव डालने में सफल रहे हैं। हालांकि गंभीर का मानना ​​है कि कोहली रोहित से ज्यादा रन बनाएंगे। इंडिया टुडे की वेबसाइट के अनुसार गंभीर ने स्पोर्ट्स तक को बताया, 'मेरे लिए व्हॉइट बॉल क्रिकेट सभी पर प्रभाव डालता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि, कोहली रोहित की तुलना में ज्यादा रन बनाएंगे और कोहली अभी सबसे महान खिलाडिय़ों में से हैं, लेकिन सफेद गेंद खेल में रोहित अपने कप्तान विराट से ज्यादा प्रभाव डालते हैं।'

सबसे अच्छा व्हॉइट बॉल वाला क्रिकेटर है रोहित

गंभीर ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि वह (रोहित) अभी दुनिया में सबसे अच्छा व्हॉइट बॉल वाला क्रिकेटर है। हालांकि ओवरऑल वह टॉप पर नहीं है, लेकिन इस समय वह सबसे अच्छा है। वह वनडे में तीन दोहरे शतक लगाने वाला इकलौता क्रिकेटर है। यही नहीं एक वर्ल्डकप में सबसे ज्यादा 5 शतक भी हिटमैन के नाम हैं।' कोहली और रोहित के बारे में आगे बात करते हुए, 2011 विश्व कप विजेता ने कहा, "दोनों की तुलना करना बहुत मुश्किल है। विराट कोहली अविश्वसनीय हैं। उनके आंकड़े यह साबित करते हैं। लेकिन विराट ने कई बार बड़े शतक लगाए मगर वो कभी 200 के आंकड़े तक नहीं पहुंचे।

ऐसे हैं रोहित-विराट के आंकड़े

33 वर्षीय रोहित ने 224 वनडे मैचों में 49.27 की औसत से 88.92 की स्ट्राइक रेट से 9115 रन बनाए हैं। उनके नाम 29 शतक और 43 अर्द्धशतक हैं। ञ्ज20ढ्ढ में, रोहित ने 108 मैचों में 32.62 के औसत और 138.78 के स्ट्राइक रेट से 2273 रन बनाए हैं। दूसरी ओर, 31 वर्षीय कोहली ने 93.23 की स्ट्राइक रेट से 59.33 की औसत से 248 वनडे मैचों में 11867 रन बनाए हैं। उन्होंने 43 शतक और 58 अर्धशतक बनाए हैं। कोहली ने 82 टी 20 आई से 50.80 के औसत और 138.24 के स्ट्राइक रेट से 2794 रन भी बनाए हैं।

धोनी के चलते सफल हुए रोहित

38 वर्षीय गंभीर, जो अब भाजपा के एक सांसद हैं ने रोहित के सफल करियर का श्रेय महेंद्र सिंह धोनी को दिया। उन्होंने कहा, "रोहित आज जहां हैं, वह एमएस धोनी की वजह से है। एमएस के बारे में एक अच्छी बात यह थी कि वह हमेशा रोहित को बातचीत में रखते थे, भले ही वह टीम का हिस्सा नहीं थे, वह हमेशा समूह का हिस्सा थे। उन्होंने कभी उसे दरकिनार नहीं किया।' यह कप्तान का समर्थन है जो एक खिलाड़ी को बनाता है या तोड़ता है। गंभीर ने आगे कहा, 'आप चयन समिति और टीम प्रबंधन के बारे में बात कर सकते हैं, लेकिन अगर आपके कप्तान से पीछे नहीं हटते हैं तो यह सब बेकार है। सब कुछ कप्तान के हाथों में है। एमएस धोनी ने कितने समय तक रोहित शर्मा का साथ दिया। मुझे नहीं लगता कि किसी खिलाड़ी को इस तरह का समर्थन दिया गया है।' रोहित ने 2007 में भारत के लिए अपना वनडे डेब्यू किया था, लेकिन धोनी द्वारा 2013 में ओपनर के रूप में प्रमोट किए जाने के बाद ही उनका करियर आगे बढ़ा।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari