तीसरे वनडे मैच को देखने के लिए बैंकों में हुई जबरदस्त मारा- मारी एक बजे ही हुई बिक्री बंद.


क्रिकेटप्रेमियों पर सोमवार भारीक्रिकेट के दीवानों पर सोमवार जमकर भारी पड़ा. एसबीआई की पांचों शाखाओं में हंगामा-नारेबाजी हुई. सुबह दस बजे टिकट बिक्री तो शुरू हुई पर दोपहर एक बजे ही बंद कर दी गई. इससे पहले अंदर दाखिल हो चुके क्रिकेट प्रेमियों को ही टिकट दिए गए. दोपहर बाद हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने लाठियां भांजी. इससे आधा दर्जन बार भगदड़ का माहौल बना.एनाउंस होते ही भड़के


एसबीआई माल रोड शाखा के बाहर क्रिकेट प्रेमियों से कई बार तीखी झड़पें हुई. 11.15 बजे माइक पर 100, 200, 400 और 750 के टिकट खत्म होने का एनाउंस होते ही कतार में लगे क्रिकेट प्रेमी भड़क उठे और कतार तोड़कर चीख पड़े. भड़के लोगों को आरएएफ और पुलिस बल ने समझाने की कोशिश की पर मामला और बढ़ गया. इससे पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी. एक बजे नानाराव पार्क की तरफ खड़े होकर हजारों क्रिकेट प्रेमी शाखा की ओर टुकुर-टुकुर कर ताकते रहे पर सबकुछ खत्म हो चुका था.दुधमुंहे के साथ पहुंची टिकट लेनेविनोवा नगर की शाखा में पहला टिकट खाड़ेपुर के अनिल दिवाकर व पुखरायां की प्रीति को मिलते ही धक्कामुक्की शुरू हो गई. दुधमुंहे बच्चों के साथ महिलाएं भी लाइन में लगी हुई थीं. पुलिस को कई बार लाठियां भांजनी पड़ी.

बैंक कर्मी व पुलिस पर उठी अंगुली, हंगामा
लाल बंगला शाखा में क्रिकेट प्रेमियों ने एक अंडर ट्रेनिंग दरोगा पर अपने परिचितों को बीच लाइन में घुसाने और टिकट वितरण में धांधली का आरोप लगाया. हंगामा और धक्कामुक्की में एयरफोर्स कैंपस की छात्रा सोनाली व पूजा सड़क पर गिरकर घायल हो गईं.खुले आसमान के नीचे गुजारी रात

लखनपुर शाखा पर रात से ही शहर और गैर जनपदों से आये सैकड़ों युवक जुट गए थे. पुलिस और आरएफ के जवानों ने भी रात में ही मोर्चा संभाल लिया था. हंगामा होने पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी. यहां करीब तीन सौ मीटर लंबी लाइनें लग गयी थीं. सुबह दो काउंटरों से 10 बजकर 15 मिनट पर टिकटों की बिक्री शुरु की गयी. एक घंटे के भीतर से 100, 200, 400 और 750 रुपये मूल्य के सारे टिकट खत्म हो गये जिसके चलते सैकड़ों लोगों को निराशा हाथ लगी. 12 बजते ही 2000 रुपये मूल्य के भी टिकट खत्म हो गये. इसके बाद तीन और पांच हजार रुपये मूल्य के टिकटों को खरीदने की हिम्मत कम लोग ही जुटा पाये. शाखा प्रबंधक एमएम लाल ने बताया कि पहले दिन कुल 1620 टिकटों में 810 टिकटों की बिक्री की गयी शेष टिकट मंगलवार को बांटे जायेंगे.विकलांग भी पीछे नहीं रहेटिकट के लिये महिलाओं के साथ विकलांग भी डटे रहे. आईआईटी से नीता यादव बेटी को गोद में लेकर सुबह पांच बजे टिकट लेने आयी लेकिन उन्हें निराश लौटना पड़ा. वहीं रावतपुर का विकलांग दीपू 200 रुपये मूल्य का टिकट खत्म होने के कारण खाली हाथ लौट आया.फांसी लगाकर जान देने की चेतावनी
मोतीझील का सुबह का नजारा बिल्कुल बदला हुआ था. टहलने आए लोग भारी भीड़ व फोर्स देखकर रुक गए बाद में मालूम पड़ा कि रविवार को शाम सात बजे से ही लोग लाइन में लगे हुए है. सुबह हालत यह थी कि बृजेन्द्र स्वरूप पार्क बेनाझाबर तक लोगों की लाइन लगी हुई थी. भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए कई बार पुलिस वालों ने युवकों को तमाचे जड़े व लाठियों से धकिया दिया. सुबह दस बजकर दस मिनट पर टिकट बंटना शुरू हुआ 11 बजकर 20 मिनट पर टिकट खिड़की बंद कर दी गई. केवल पांच हजार रुपये वाले ही टिकट बजे थे लेकिन कोई खरीदार नहीं था. इस पर भीड़ ने आरोप लगाना शुरू कर दिया कि टिकट पहले ही अंदर से बिक गए है. पहली टिकट पाए जरीब चौकी के बफाती ने बताया कि रविवार शाम सात बजे लगा था. विकलांग आकाश सिंह टिकट पाकर उछल पड़े वहीं महिलाओं की लाइन में टिकट पाई पीरोड की आकांक्षा सिंह ने बताया कि सुबह चार बजे से लाइन में लगी है.

Posted By: Subhesh Sharma