पोंटिंग की हार से विदाई
ऑस्ट्रेलिया की टीम अपने ग्रेटेस्ट प्लेयर रिकी पोंटिंग को जीत के साथ विदाई नहीं दे सकी. साउथ अफ्रीका ने पर्थ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को 309 रनों से हरा दिया जो रिकी पोंटिंग के करियर का आखिरी टेस्ट मैच था. जीत के लिए मिले 632 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 322 रन बनाकर ऑल आउट हो गई.
खराब फार्म से जूझ रहे रिकी पोंटिंग ने पर्थ टेस्ट से पहले ही रिटायरमेंट का एनाउंसमेंट कर दिया था. उनकी खराब फार्म का सिलसिला आखिरी टेस्ट में भी जारी रहा. पहली पारी में जहां उन्होंने 4 रन बनाए थे वहीं दूसरी पारी में वे 8 रन बना पाए. उनके फैन्स को उम्मीद थी कि पोंटिंग सेंचुरी लगाकर टेस्ट क्रिकेट से विदाई लेंगे. मगर पोंटिंग अपने लास्ट टेस्ट मैच में भी फार्म में वापसी नहीं कर पाए.
South Africa ने दिया guard of honour
अपोजिट टीम साउथ अफ्रीका ने भी पोंटिंग को शानदार विदाई दी. अपना आखिरी टेस्ट मैच खेल रहे पोंटिंग जब अपनी आखिरी इनिंग खेलने पहुंचे तो साउथ अफ्रीका के कैप्टन ग्रीम स्िमथ ने अपने प्लेयर्स के साथ मिलकर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. दर्शकों ने भी उन्हें जोरदार विदाई दी.
रिकी पोंटिंग ने अपने टेस्ट करियर में 168 टेस्ट मैच खेले हैं. जिसमें उन्होंने 51.85 की औसत से 13,378 रन बनाए हैं. इसमें उनके 41 शतक और 62 हाफ सेंचुरी शामिल हैं. पोंटिंग ने अपने टेस्ट करियर में 6 डबल सेंचुरी लगाई हैं. उन्होंने टेस्ट में सबसे ज्यादा 257 रन एक इनिंग में बनाए थे. उनके नाम 196 कैच भी रिकॉर्ड हैं. उन्होंने जो मैच खेले हैं उनमे से 108 में ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली, 31 में हार और 29 मैच ड्रॉ रहे.
पोंटिंग का वनडे रिकॉर्ड भी शानदार रहा है. टीम का हिस्सा होते हुए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को 3 विश्वकप जितवाए. जिनमें से 2003 और 2007 में ऑस्ट्रेलिया ने उनकी कैप्टेनसी में वल्र्डकप जीता. पोंटिंग ने 375 वनडे मैच खेले जिनमें उन्होंने 42.03 की औसत से 13,704 रन बनाए. जिसमें उनकी 30 सेंचुरी और 82 हाफ सेंचुरी शामिल थीं. वनडे में उनका बेस्ट स्कोर 164 रन था. उन्होंने जो वनडे खेले उनमें 296 में ऑस्ट्रेलिया को जीत, 96 में हार जबकि 5 मैच टाई रहे.
शानदार खिलाड़ी होने के साथ ही पोंटिंग बेमिसाल कैप्टन भी थे. उनकी कैप्टेंसी में ऑस्ट्रेलिया लंबे अर्से तक टेस्ट में नंबर वन रही. उन्होंने 3 वर्ल्ड कप में टीम की अगुआई की जिसमें 2 बार ऑस्ट्रेलिया चैंपियन बना. उन्होंने वनडे में 230 मैचों में ऑस्ट्रेलिया की कैप्टेंसी की जिसमें से टीम को 165 मैच जितवाए. वहीं उन्होंने 77 टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को लीड किया जिनमें से 48 टेस्ट मैच वे टीम को जिताने में कामयाब रहे.