-जिले के 25 में से 19 थाने कंडम घोषित, फिर भी चल रहा काम

-बरसात की दस्तक के साथ ही सहम गए हैं पुलिसवाले

-कहीं पटिया गिरी तो कहीं टपक रही हैं छतें

बरसात की दस्तक के साथ ही जिलेभर के पुलिसवालों को एक अनजाना डर सताने लगा है। यह डर है टपकती और जर्जर हो चुकी छतों का। पहली बरसात के बाद से ही जिलेभर के थानों की हालत पतली हो चली है। कहीं छत टपक रही है तो कहीं हवालात की दीवारें पानी से गलने लगी हैं। जैसे-तैसे थानों में काम जारी है मगर जर्जर बैरकों और कमरों में जाने से अब पुलिसकर्मी कतराने लगे हैं।

टपकती छत, गिरा हुआ बारजा

जिले के थानों में हाल यह है कि बैरकों में रहने वाले जवान हमेशा खौफ के साए में जीते हैं। थानों के हालात की बात करें तो साफ हो जाएगा कि उन्हीं थानों का भवन कुछ ठीक हालत में है जो नए बने हुए हैं। पुराने थाने जर्जर हो चुके हैं। 50 से 100 साल पुराने भवनों में कोतवाली, चौक, आदमपुर, चेतगंज, भेलूपुर आदि थाने हैं। इनकी हालत बेहद खराब है। निर्माण के लिए पिछले वर्षो में आए थोड़े बजट से थानाध्यक्ष कक्ष और कार्यालयों की मरम्मत तो करा ली गयी लेकिन थानों का शेष हिस्सा जस का तस है। चेतगंज थाने का बारजा गिरा हुआ है, बरसात में मंडुवाडीह थाने के कार्यालय की छत टपकती है। तीन दिन पहले रोहनिया थाने के ऑफिस में रात के वक्त पटिया गिर गई। संयोग ही था कि इसके नीचे कोई नहीं आया। ऐसे ही मिर्जामुराद थाने में हवालात का इस्तेमाल बंद कर दिया गया है। मुल्जिमों को ऑफिस के बगल के एक कमरे में रखा जा रहा है।

जर्जर भवन में चल रहा थाना

विभागीय आंकड़ों की मानें तो जिले के 25 में से 19 थानों के भवन कंडम (निष्प्रयोज्य) घोषित किए जा चुके हैं। सबसे जर्जर हालत फूलपुर थाने की है। छह साल पहले वर्ष 2012 में थाना भवन को पूरी तरह से कंडम घोषित कर दिया गया था। थाने के भवन को बंद कर थाना कहीं और शिफ्ट करने की बात हो रही थी। जगह नहीं मिलने के कारण थाना आज भी उसी जर्जर भवन में चल रहा है। बेहद जर्जर हो चुके बड़ागांव थाने में भी पिछले साल कुछ मरम्मत कराई गई। हालांकि थाने का बड़ा हिस्सा अब भी काम लायक नहीं बन सका है।

चौकियों की हालत और भी बदतर

25 थानों के अलावा शहर में 120 चौकियां भी हैं। पुरानी चौकियों की हालत इस समय और भी खराब है। ज्यादातर चौकियों का काम अब क्षेत्र के पुलिस बूथ से चल रहा है। इनमें दुर्गाकुंड, सुंदरपुर, आदमपुर, महमूरगंज, पांडेयपुर समेत ग्रामीण क्षेत्रों की ज्यादातर पुलिस चौकियां शामिल हैं। वाराणसी पुलिस ने थानों के नए भवन के निर्माण के लिए पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा है। इस पर अभी विचार चल रहा है।

एक नजर

25

थाने हैं वाराणसी जिले में

16

थाने शहरी क्षेत्र में

9

थाने देहात क्षेत्र में

19

थानों का भवन घोषित हो चुका है निष्प्रयोज्य

120

पुलिस चौकियों में ज्यादातर की हालत खराब

वर्जन--

जिले के कुछ थानों के भवन काफी पुराने हैं। इनके ऐतिहासिक महत्व को बचाते हुए जर्जर हो चुके हिस्सों का मरम्मत और पुनर्निर्माण कराया जाएगा।

आनंद कुलकर्णी, एसएसपी वाराणसी

Posted By: Inextlive