- मोहनलालगंज कांड की जांच वाले फोरेंसिक एक्सप‌र्ट्स का तबादला

- एक का ट्रांसफर और दूसरे को हज ड्यूटी पर भेजा गया

- मोहनलालगंज क्षेत्र में एक महिला की गैंगरेप कर निर्मम तरीके से हत्या का मामला

मोहनलालगंज कांड की जांच वाले फोरेंसिक एक्सप‌र्ट्स का तबादला

- एक का ट्रांसफर और दूसरे को हज ड्यूटी पर भेजा गया

- मोहनलालगंज क्षेत्र में एक महिला की गैंगरेप कर निर्मम तरीके से हत्या का मामला

LUCKNOW: lucknow@inext.co.in

LUCKNOW: लखनऊ की निर्भया के लिए इंसाफ का रास्ता और दूर होता जा रहा है। हालिया सामने आए एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत मोहनलालगंज कांड की जांच से संबंधित फोरेंसिक एक्स्पर्ट को ही हटा दिया गया है। जिम्मेदार इसे रूटीन तबादला करार दे रहे हैं, लेकिन सीबीआई जांच की सिफारिश के बीच यह घटनाक्रम कई सवाल खड़े करता है। जिन एक्सप‌र्ट्स को हटाया गया है उनमें सैम्पल कलेक्शन करने वाले और डीएनए टेस्ट करने वाले दोनों ही शामिल हैं। लैबोरेट्री और पुलिस महकमे में इस बात की चर्चा है कि दोनों इस केस से जुड़े हैं जिस कारण उन्हें हटाया गया है।

आई नेक्स्ट पहले ही खड़ा कर चुका है जांच पर सवाल

गौरतलब है कि आई नेक्स्ट ने मोहनलालगंज कांड में सबसे पहले ही बताया था कि किस तरह पुलिसिया जांच में सुबूतों को नजरअंदाज किया गया। यह भी आई नेक्स्ट ने बताया था कि फोरेंसिक सुबूत जुटाने में भी पुलिस द्वारा न सिर्फ हीला-हवाली की गई, बल्कि आधे-अधूरे निशान ही जुटाए गए। यही वजह है कि आई नेक्स्ट ने सीबीआई जांच की सिफारिश पर प्रश्न खड़ा किया था कि आखिर अब जांच में मिलेगा ही क्या। पुलिस तो पहले ही 'जांच की हत्या' कर चुकी है। इसके साथ ही आई नेक्स्ट ने पुलिसिया थ्योरी को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि आखिर किस बड़े को बचाने के लिए पुलिस सुबूतों के साथ छेड़खानी कर रही है।

अब हुआ है यह

मोहनलालगंज केस में फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ। जी। खान ने विक्टिम से सैम्पल कलेक्ट किया था। जिन्हें अब हज पर भेजा जा रहा है। हालांकि, डॉ। जी। खान ने बताया कि जनवरी में ही उन्होंने हज के लिए अप्लाई था। हज करने वालों यात्रियों के साथ डॉक्टर्स की टीम भी जाती है। उन्हें हटाए जाने की बात गलत है। इसके लिए जनवरी में ही आवेदन मांगे गए थे। जिसमें उनका नाम आ गया। वह अक्टूबर में हज करने जाएंगे लेकिन चर्चा इस बात की है कि उन्हें जान-बूझकर इसमें भेजा गया है। उधर, फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ। अर्चना त्रिपाठी भी इस मामले से जुड़ी जांचें कर रही थीं। जिनका ट्रांसफर कर दिया गया है। उनकी जगह बनारस में तैनात फोरेंसिक एक्सपर्ट राजकुमार को लाया गया है। अधिकारियों के मुताबिक वह लम्बे समय से लखनऊ में ही तैनात थीं। उनका ट्रांसफर भी प्रॉसेस में पहले से ही था।

अब इन सवालों के जवाब देगा कौन

आई नेक्स्ट ने जैसा पहले कहा था कि मोहनलालगंज कांड की जांच में पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद बॉडी के अंतिम क्रिया कर्म में कुछ ज्यादा ही जल्दी दिखाई। वजह, पुलिस ने फोरेंसिक जांच के लिए जरूरी सैंपल ही नहीं एकत्र किए थे। मृतका के शरीर पर दांत से काटने संबंधी निशान से लेकर स्पर्म और इस जैसे अन्य लिक्विड्स को नजरअंदाज किया गया। यानी आधे-अधूरे सैंपल के आधार पर फोरेंसिक रिपोर्ट तैयार की गई। अब जब उन्हें जांचने वाला भी हट गया तो सैंपल्स की वैलिडिटी पर भी सवाल खड़ा हो जाएगा। सीबीआई इन्हीं सैंपल्स के आधार पर अपनी जांच आगे बढ़ाएगी।

काफी विवादों में रहा मामला

मोहनलालगंज मामला शुरू से ही काफी विवादों में घिरा रहा था। मामले में पहले पुलिस ने दावा किया महिला के साथ रेप नहीं हुआ। फिर फोरेंसिक एक्सप‌र्ट्स की रिपो‌र्ट्स में खुलासा हो गया कि उसके साथ रेप हुआ। यही नहीं महिला से लिए गए सैम्पल्स में मल्टीपल प्रोफाइल्स मिली। इसका मतलब महिला के साथ रेप और मर्डर में कई लोग शामिल थे। जिनकी रिपो‌र्ट्स अभी सामने नहीं आई है। यही नहीं महिला के शरीर में डंडों से पीटने और दांतों से काटने के भी निशान थे जिन्हें न तो एक्सप‌र्ट्स ने ध्यान दिया और न ही पोस्टमॉर्टम करने वाली टीम ने। इसके अलावा पीएम रिपोर्ट में महिला की दो किडनी डॉक्टर्स ने सत्यापित की थीं जबकि उसने एक किडनी अपने पति के लिए डोनेट की थी। इस मामले की भी अभी जांच जारी है।

Posted By: Inextlive