Allahabad: सुनीता और अंजलि के लिए अब रिश्तों को कोई अहमियत नहीं रह गई है. जिस भरोसे के रिश्ते की कसमें खाई जाती हैं उन्हीं रिश्तों से उन्हें धोखा मिला है. फिलहाल नन्ही सुनीता प्रीति हॉस्पिटल में एडमिट है और अंजलि महिला पुलिस के पास. वेडनसडे को दो मामले सामने आए हैं. चार साल की सुनीता को उसकी मां ने ही मारपीट कर घर से निकाल दिया जबकि आंखों की रोशनी गवां बैठी अंजलि को आफत समझकर उसका पति ही बीच रास्ते में छोड़कर भाग गया.


सुनीता को कराया हॉस्पिटल में एडमिट

मासूम सुनीता जंक्शन पर आरपीएफ को भटकती मिली। उसकी हालत बेहद खराब है और शरीर में कई जगह चोट के निशान हैं। आरपीएफ ने उसे चाइल्ड लाइन को सौंप दिया है। को-आर्डिनेटर शिखा ने बताया कि काउंसलिंग के दौरान सुनीता ने अपनी मां का नाम गंगा और पिता का नाम सोनू बताया है। वह इस कदर बीमार थी कि घर का एड्रेस नहीं बता पाई। उसे प्रीति हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। सुनीता ने बताया कि मां उसकी बीमारी से तंग आ चुकी थी और वेडनसडे मॉर्निंग उसकी पिटाई करने के बाद उसे जंक्शन पर छोड़कर चली गई। सुनीता की सौतेली मां है।

डेढ़ सौ रुपए देकर बैठा दिया बस में

दूसरा मामला अंजलि का है। 24 साल की अंजलि ने लालगंज के अरौरा के रहने वाले हरीशचंद्र से 9 महीने पहले लव मैरीज की थी। मार्च में सिर में चोट लगने के बाद उसकी आंख की रोशनी चली गई थी, जिसके बाद से हरीशचंद्र का अंजलि से मोहभंग होने लगा था। वेडनसडे को वह अंजलि को अरौरा से लेकर रायबरेली गया और वहां पर इलाहाबाद आ रही बस में बैठा दिया। अंजलि को डेढ़ सौ रुपए दिए और कहा कि वह आगे बैठा हुआ है। अंजलि समझ नहीं पाई, जिसके बाद हरीशचंद उठा और वहां से चला गया।

बीच रास्ते पता चला

करीब घंटा भर बीत जाने के बाद जब पति की आहट नहीं मिली तो वह अंजलि ने उसे पुकारना शरू किया। तब तक बस कुंडा क्रॉस कर चुकी थी। वहां बैठे आसपास की सवारियों ने बताया कि जो आदमी उसको बैठाने के लिए आया था वह उसे छोड़कर चला गया। यह सुनते ही उसके प्राण सूख गए और वह रोने लगी। बस जब इलाहाबाद पहुंची तो कंडक्टर सईद उल हसन ने पुलिस को जानकारी दी, जिसके बाद पहुंची सिविल लाइंस पुलिस उसे अपने साथ ले गई।

नौ महीने पहले हुई थी लव मैरीज

अंजलि मूलरूप से एमपी के अकोला कस्बे की रहने वाली है। पिता सोनेलाल मिस्त्री हैं। चार भाई व बहन हैं। अंजलि ने बिना घर वालों को बताए नौ महीने पहले हरीशचंद्र से शादी की थी। आज भी उनके घर वालों को इस शादी का पता नहीं है। बकौल अंजलि, वह लखनऊ में रहने वाले अपने चाचा विष्णु के यहां से वापस एमपी लौट रही थी। इलाहाबाद बस स्टैंड में ही हरीशचंद्र से उसकी मुलाकात हुई। पहली ही नजर में प्यार हुआ और फिर अंजलि यहीं से हरीशचंद्र के साथ उसके गांव चली गई. 

रोशनी गई तो सताने लगा पति

रोशनी गई तो सताने लगा पति

हरीशचंद्र ईट-भट्टा में काम करता है। अंजलि ने बताया कि वह उसको अपने गांव ले गया और वहीं पर शादी कर ली। लेकिन इस साल होली में उसकी आंखों की रोशनी चली गई। तब से पति, ससुर कल्लू व जेठ प्रताडि़त करने लग गए थे। अंजलि ने शादी की सूचना अपने परिजनों को आज तक नहीं दी है। ऐसे में परिजनों के लिए शायद अभी भी वह लापता है। फिलहाल पति हरीशचंद्र से मिले धोखे ने अंजलि को जिंदगी के दोराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है। वह किधर जाए, उसको कुछ समझ में नहीं आ रहा है.

Posted By: Inextlive