- इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, गूगल मैपिंग और जियो टैगिंग से दबोचा

- दिल्ली में नाम बदलकर अलग-अलग बिजनेस करता था शातिर

GORAKHPUR: चार माह की कड़ी मशक्कत के बाद क्राइम ब्रांच और कैंट पुलिस की टीम को बड़ी कामयाबी मिली। कंबाइन टीम ने पांच साल से फरार बदमाश को अरेस्ट किया। वह नाम बदलकर दिल्ली में छिपा हुआ था। उसकी तलाश में नाकाम होने की वजह से पुलिस के सीनियर अफसर कई बार कोर्ट में तलब हो चुके थे। पुलिस टीम ने आरोपित गगहा एरिया के बेदौली निवासी कुलदीप पांडेय को गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन से अरेस्ट किया। उधर मुन्ना बजरंगी गैंग से जुड़े एक बदमाश को भी पुलिस ने पकड़ा। एसपी सिटी डॉक्टर कौस्तुभ ने बताया कि सीओ क्राइम प्रवीण सिंह, सीओ कैंट सुमित शुक्ला की अगुवाई में पुलिस टीम को सफलता मिली। कुलदीप की गिरफ्तारी पर सीनियर ऑफिसर्स ने राहत की सांस ली है। उसकी गिरफ्तारी में पुलिस ने गूगल मैप, जियो टैगिंग और सर्विलांस की मदद ली।

नौ साल पूर्व हुई घटना, माइनर बनकर छूटा था कुलदीप

एसपी सिटी ने बताया कि सात अप्रैल 2010 को कैंट एरिया के इंदिरा नगर निवासी मनोज कुमार पांडेय का मर्डर हुआ था। रुपए और प्रॉपर्टी के लेनदेन में हुई हत्या में कुलदीप पांडेय और दिलीप भगत आरोपित थे। कैंट पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को अरेस्ट किया। करीब चार साल तक कुलदीप पांडेय जिला जेल में बंद रहा। बार-बार जमानत खारिज होने पर कुलदीप ने कूट रचित दस्तावेजों के सहारे खुद को माइनर साबित करते हुए जमानत करा ली। मुकदमे के वादी, मनोज के पिता लोकनाथ पांडेय को जानकारी हुई तो उन्होंने हाईकोर्ट में रिट दायर कर दिया। कोर्ट के आदेश पर पांच साल तक पुलिस टीम कुलदीप की तलाश करती रही लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल सकी।

दिल्ली में छिपा रहा शातिर, गोरखपुर पुलिस की होती रही फजीहत

जमानत पर रिहा होने के बाद कुलदीप ने शहर से नाता तोड़ लिया था। यहां से भागकर वह दिल्ली पहुंचा। नाम बदल-बदलकर अलग-अलग बिजनेस करने लगा। उसके परिजन, रिश्तेदार और मोहल्ले के लोग भी उसके बारे में कोई जानकारी नहीं दे सके। उधर गिरफ्तारी न होने पर वादी लोकनाथ पांडेय ने पुलिस की लापरवाही से कोर्ट को अवगत कराया। कोर्ट ने गोरखपुर के सीनियर पुलिस अधिकारियों को तलब किया। इस मामले में प्रदेश पुलिस के मुखिया से सवाल-जवाब की नौबत आने पर जांच टीम के हाथ-पांव फूल गए। सीओ प्रवीण सिंह की अगुवाई में कैंट इंस्पेक्टर रवि कुमार राय, स्वाट टीम प्रभारी सादिक परवेज और सर्विलांस सेल प्रभारी धीरेन्द्र कुमार राय ने दिल्ली से लेकर गोरखपुर तक कुलदीप का पीछा किया। करीब चार माह की कड़ी मेहनत के बाद आरोपित की लोकेशन बस स्टेशन पर मिली जहां से उसे अरेस्ट किया गया। उसने पुलिस को बताया कि वह नाम और बिजनेस बदलकर दिल्ली में रहता था। पुलिस से बचने के लिए वह ज्यादा मोबाइल यूज नहीं करता था। गिनेचुने लोगों से उसकी बात होती थी। बात करने पर वह नया सिमकार्ड और हैंडसेट यूज करने लगा। हालांकि शिद्दत से पीछे लगी पुलिस ने उसे खोज निकाला। वर्तमान में वह बिजली का सामान बेच रहा था।

बॉक्स

मुन्ना बजरंगी का शॉर्प शूटर अरेस्ट

गैंगेस्टर के मुकदमे में फरार 20 हजार रुपए के ईनामी बदमाश को पुलिस ने अरेस्ट किया। खोराबार थाना के गैंगेस्टर के मामले में फरार आजमगढ़ जिले के हैदरपुर निवासी संदीप यादव की करीब एक साल से तलाश चल रही थी। मुन्ना बजरंगी गैंग से जुड़े संदीप का करीबी अमन सिंह धनबाद जेल में बंद है। उसके इशारे पर रंगदारी, मर्डर और अन्य वारदातों को बदमाश अंजाम देते थे। आरोपित संदीप यादव ने आजमगढ़ के व्यापारी नवनीत जायसवाल से रंगदारी मांगी। रंगदारी की रकम न मिलने पर उसने दुकान पर चढ़कर दिन दहाड़े गोलियां दागी थीं।

वर्जन

पांच साल से फरार चल रहे कुलदीप पांडेय सहित दो बदमाशों को अरेस्ट किया। मुन्ना बजरंगी गैंग से जुड़े संदीप यादव की एक साल से तलाश चल रही थी। दोनों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

डॉ। कौस्तुभ, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive