स्टेट की राजधानी रांची अब झारखंड की क्राइम कैपिटल बन गई है.

रांची अब झारखंड की क्राइम कैपिटल
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RANCHI: स्टेट की राजधानी रांची अब झारखंड की क्राइम कैपिटल बन गई है। पुलिस हेडक्वार्टर द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने में 678 कॉग्नीजेबल क्राइम के साथ रांची पूरे राज्य में अपराध सेंटर के रूप में उभर कर सामने आई है। स्टेट के 24 जिलों में सबसे ज्यादा अपराधिक घटनाओं का राजधानी में होना पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। उल्लेखनीय है कि राजधानी में मंत्रालय है, पुलिस मुख्यालय है, सचिवालय है, बड़ी और आर्गनाइज्ड फोर्स के साथ-साथ सपोर्ट सिस्टम के लिए जैप, आईआरबी, रैप, एसटीएफ समेत अन्य कई कंपनियां मुस्तैद हैं। इन सबके बावजूद अपराध को रोक पाना पुलिस के बूते से बाहर नजर आ रहा है। वीवीआईपी मूवमेंट को मैनेज करने में परेशान पुलिस की कार्यशैली से लोग असुरक्षित हो गए हैं।

चोरों ने नींद उड़ाई
शहर में सबसे ज्यादा चोरों का आतंक है। इनकी दहशत इस कदर हावी है कि लोगों के साथ-साथ पुलिस की भी नींद उड़ गई है, लेकिन चोरों पर हाथ डालने में पुलिस पूरी तरह नाकाम हो गई है। केवल अप्रैल माह में 220 चोरियां और 34 सेंधमारी के मामलों ने रांची पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था के सारे पोल खोल कर रख दिए हैं। इसके साथ-साथ 2 डकैती और 12 हत्याओं ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

राजधानी छोड़ रांची जोन के जिले 100 क्राइम से नीचे
रांची जोन में आने वाले पांच जिलों रांची, सिमडेगा, खूंटी, गुमला और लोहरदगा में रांची को छोड़ अन्य सभी जिलों में आपराधिक घटनाएं तो हुईं, लेकिन कहीं भी आंकड़े औसतन 100 के पार नहीं हुए। इनमें सिमडेगा 43, खूंटी 41, लोहरदगा 59 और गुमला में 111 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

कोयलाक्षेत्र धनबाद दूसरे नम्बर पर
कोयलाक्षेत्र धनबाद रांची के बाद क्राइम में दूसरे नम्बर पर है। धनबाद में कॉग्नीजेबल क्राइम के 538 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि पूर्वी सिंहभूम में 505, हजारीबाग में 313 कांड घटित हुए। धनबाद में कोयले को लेकर गैंगवार और मारपीट की घटनाएं आम बात हैं, उसके बाद भी आपराधिक घटनाओं की गिनती राजधानी से काफी कम है।

18 रेप व 14 किडनैपिंग के मामले
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सीएम से लेकर तमाम पुलिस अधिकारियों के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। अप्रैल माह में जहां महिलाओं के साथ दुष्कर्म के 18 मामले दर्ज हुए हैं, वहीं किडनैपिंग के मामलों में 14 कांडों की प्राथमिकी दर्ज की गई है।

अपराध में कमी आना सराहनीय
राजधानी का एरिया और पॉपुलेशन काफी बड़ा है और पुलिस लगातार इन अपराधों पर लगाम लगाने के लिए रणनीति बना रही है। चोरी और सेंधमारी के मामलों में काफी तेजी आई है और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अन्य जिलों में अपराध में कमी आना सराहनीय है।

-अमोल वेणुकांत होमकर, डीआईजी, रांची

Posted By: Inextlive